eMag_Aug 2023_DA | Page 25

मूल ओबीसी को अलग से आरक्षण देने का ऐलान करके गहलोत ने बड़ा सियासी दांव खेला है । गौरतलब है कि विधानसभा में पिछले दिनों सरकार ने जातिगत जनगणना को लेकर संक्प पारित करके केंद्र सरकार को भिजवाया था । इस संक्प में केंद्र सरकार से जातिगत जनगणना करवाने और पुराने आंकड़े सार्वजनिक करने की मांग की थी । मुखयमंत्ी अशोक गहलोत ने जातिगत जनगणना करवाने की घोषणा ऐसे समय में की है , जब विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लगने में तीन माह से भी कम समय बचा है । इतने कम समय में जातिगत जनगणना पूरी करना संभव नहीं है ।
इसके अलावा राजसिान में आयोजित हो रहे अलग अलग जाति महापंचायतों को भी साधने के लिए अशोक गहलोत ने कोई कसर नहीं छोड़ी । राजसिान में पिछले पांच माह में दस से जयादा जातियों के सममेलन हो चुके हैं ।
गत 5 मार्च को जयपुर में जाट महाकुंभ का आयोजन हुआ था । इसमें ओबीसी आरक्षण 21 से बढाकर 27 प्रतिशत किए जाने और जाट समाज के लोक देवता तेजाजी के नाम पर सरकारी बोर्ड का गठन किए जाने की मांग की गयी थी । जाट वोट बैंक को धयान में रखते हुए गहलोत सरकार ने वीर तेजाजी बोर्ड का गठन भी कर दिया है । इस बोर्ड के गठन के साथ ही राजसिान के राजपूत समाज की ओर से महाराणा प्रताप के नाम पर बोर्ड बनाने की मांग की गई और गहलोत ने इसे तुरंत सिीकार करते हुए गत 13 जून को वीर शिरोमणी महाराणा प्रताप बोर्ड का गठन कर दिया । इसी तरह गत 22 मई को जयपुर में कुमावत महापंचायत हुई । इस महापंचायत में ओबीसी आरक्षण 21 से बढाकर 27 प्रतिशतकिया जाना , कुमावत समाज को ओबीसी वाले कोटे में अलग से 7 प्रतिशत आरक्षण दिया जाना और वश्पकला बोर्ड बनाने की मांग की थी । अशोक गहलोत ने राजसिान राजय सिापतय कला बोर्ड का गठन कर कुमावत समाज को साधने की कोशिश की है ।
तमाम जातियों को साधने के लिए अशोक गहलोत की सरकार पिछले एक साल में 15 सरकारी बोर्ड बना चुकी है । चुनाव नजदीक देख हर जाति अपने लिए बोर्ड चाहती है । मारवाड़ जकशन के विधायक खुशवीर सिंह जोजावर ने मुखयमंत्ी से मांग की है कि सरकार धारू मेघवाल क्याण बोर्ड का गठन करे । पूर्व मंत्ी कालीचरण सराफ ने अग्िाल समाज के लिए अग्सेन बोर्ड बनाए जाने की मांग की है । वही बायतू से कांग्ेस विधायक हरीश चौधरी ने दजटी समाज के विकास के लिए संत श्ी पीपा जी सिलाई कला बोर्ड की मांग रखी है । इतना ही नहीं प्रदेश के राजपुरोहित समाज , चारण समाज , कलाल समाज , गोसिामी समाज , मेघवाल समाज , खटिक समाज , कायमखानी समाज , विश्नोई समाज और कई अनय समुदायों ने भी अपनी जाति का बोर्ड बनाए जाने की मांग मुखयमंत्ी से की है और अशोक गहलोत ने सबको भरोसा दिया है कि उनके इसी कार्यकाल में सब समुदाय के लिए
वह बोर्ड का गठन कर देंगे ।
राजसिान की 200 विधानसभा सीटों में से 59 सीटें आरक्षित हैं । लेकिन जयादातर सीटों पर चुनाव में ओबीसी वर्ग के वोटर निर्णायक लसिवत में हैं । ओबीसी के अलावा विभिन्न समुदाय भी अपनी उपलसिवत रखते हैं , इस कारण अशोक गहलोत सरकार सभी को साधने के लिए सारे हथकंडे अपना रही है । अशोक गहलोत अचछी तरह से जानते हैं कि ओबीसी वर्ग के साथ विभिन्न समुदाय का वोट एकतरफा जिस पाटटी को पड़ता है , जीत उसी की होती है । यही कारण है कि इस बार के चुनाव में सबसे जयादा गूंज ओबीसी आरक्षण और विभिन्न जाति महापंचायतों की सुनाई दे रही है ।
2018 के चुनाव में बीजेपी को 38 रिजर्व सीटों पर हार के कारण सत्ा से बाहर होना पड़ गया था । 2013 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने एससी और एसटी के लिए रिजर्व 59 विधानसभा सीटों में से 50 सीटों पर जीत दर्ज की थी लेकिन 2018 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को 59 में से केवल 21 सीटों पर ही जीत मिली । 2018 के चुनाव में बीजेपी ने एससी रिजर्व सीटों में से सिर्फ 12 और एसटी रिजर्व सीटों में सिर्फ 9 सीटों पर जीत दर्ज की । जबकि कांग्ेस ने एससी की 19 और एसटी की 12 सीटों पर जीत हासिल की ।
अशोक गहलोत सरकार के हर जाति को साधने के लिए हर हथकंडे अपनाने की रणनीति पर भाजपा का कहना है कि जाती हुई सरकार जाति की राजनीति कर रही है , परंतु कांग्ेस सरकार को कोई नहीं बचा सकता । हालांकि पिछड़ी जातियों और विभिन्न समुदायों के वोट बैंक को देखते हुए भाजपा खुलकर इसका विरोध करने की लसिवत में नहीं है । इसीलिए अशोक गहलोत सभी जातियों को साधने में जुटे हैं । बाकी राजयों की तरह राजसिान में भी जाति चुनावों को प्रभावित करने वाला काफी अहम फैकटर रहा है , लेकिन इस बार जातिगत समूहों में अपनी मांगों को लेकर जो मुखरता दिख रही है , उससे राजनीतिक पार्टियों की चुनौती बढना तय है ।
( साभार ) vxLr 2023 25