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पुरानी पेंशन ्योजना लागू करने के बाद अशोक गहलोत सरकार ने राज्य के 32 फीसदी अनुसूचित जाति और आदिवासी मतदाताओं के वोर् बैंक को लेकर बडा दांव चला है । गहलोत सरकार ने अब दलित और आदिवावस्यों से जुडी विकास ्योजना को अनिवा्य्थ रूप से लागू करने और इन इलाकों में विकास की गारन्टी देने के लिए एक हजार करोड का अलग से फूंड बना्या है । इसके लिए विधानसभा में एससी-एसर्ी विकास निधि ( ्योजना , आवंर्न और वित्तीय संसाधनों का उप्योग ) विधे्यक पारित करवा्या है । एससी-एसर्ी विकास फूंड में बिल पास हो
जाने के बाद ्योजनाओं को बनाने से लेकर लागू करने तक पूरा फोकस करना होगा । दोनों के लिए अलग से फूंड होगा । शुरुआत में 500-500 करोड का फूंड होगा , जिसे आगे बढ़ा्या जाएगा । इस फूंड को एससी सब पलान और ट्ाइबल सब पलान की ्योजनाओं से अलग खर्च वक्या जाएगा । विधे्यक में प्रावधान वक्या ग्या है कि दलित और आदिवासी विकास की ्योजनाओं को अफसरों को धरातल पर लागू करना अनिवा्य्थ होगा ।
एससी-एसटी क्िकञास निधि क्िधेयक पञारित
सरकार ने बिल लाने के उद्ेश्य के बारे में बता्या है कि पिछले 40 साल से अनुसूचित जाति और जनजाति सब — पलान बजर् का हिससा हैं लेकिन इसके बावजूद भी दलित आदिवासी आबादी का बडा हिससा आज भी विकास से वंचित है । सब — पलान बजर् का हिससा होने के बाद भी इन समुदा्यों की बडी आबादी के जीवन सतर में अपेवक्त बदलाव व सुधार नहीं आ्या है और आज भी वंचित की तादाद बहुत बडी है । राज्य के सामाजिक न्या्य एवं अधिकारिता मंत्ी र्ीकाराम जुली का कहना है कि अब दलित और आदिवावस्यों को विकास की ्योजनाओं का लाभ पहुंचाना कानूनी रूप से जरूरी हो जाएगा । अनुसूचित जाति और जनजाति के लिए बजर् में अलग से प्रावधान वक्या ग्या है । लेकिन इसे कानूनी सुरक्ा नहीं मिली हुई है । अब विधानसभा में विधे्यक पारित होने से ्योजनाओं को लागू करना और फूंड का सही उप्योग करना कानूनी रूप से आवश्यक हो जाएगा । अब ्योजनाओं को बनाने से लेकर लागू करने तक अधिकारर्यों को पूरा ध्यान देना होगा । हालांकि ्योजनाओं का लाभ नहीं पहुंचाने पर अफसरों पर दंड का प्रावधान अभी नहीं वक्या ग्या है ।
चञार रञाज्यों में पहले से है ऐसञा कञािून
दलित और आदिवावस्यों के लिए अलग- अलग 500-500 करोड का फूंड होगा , जिसे आगे बढ़ा्या भी जा सकेगा । अब तक आंध्प्रदेश , तेलंगाना , महाराषट् और पंजाब में इस तरह के कानून बने हुए थे । लेकिन अब राजसरान में विधानसभा में इस समबनध में विधे्यक पारित हो ग्या जिसके बाद अब ्यहां भी ्यह कानून बन जाएगा । राज्य के आठ जिले आदिवासी बहुल हैं , इनमें ट्ाइबल आदिवासी उप ्योजनाएं संचालित होती है । इन आठ जिलों बांसवाडा , उद्यपुर , डूंगरपुर , प्रतापगढ़ , चित्ोडगढ़ , सिरोही , जालौर और चित्ोडगढ़ जिलों के छह हजार गांव आदिवासी उप ्योजना क्ेत् में आते हैं । इन जिलों में अनुसूचितों की आबादी तकरीबन 92 लाख से भी ज्यादा है । �
vizSy 2022 दलित आं दोलन पत्रिका 43