fjiksVZ
सकता है ।
सञांप्रदञायिक उन्मादियों के हौसले बुलंद
सरसिती पूजा के दौरान झारखंड के हजारीबाग ससरत बरही में पिछले दिनों भाजपा के रूपेश पांडे्य की हत्या मॉब लिंचिंग के कारण हुई जिसे लेकर पार्टी द्ारा व्यापक सतर पर आंदोलन वक्या ग्या । ्यहां तक कि दुमका के सांसद सुनील सोरेन ने रूपेश हत्याकांड की जांच सीबीआई से कराने की मांग भी की , लेकिन प्रदेश सरकार के कान पर जूं तक नहीं रेंगी और सरकार की ओर से इस हत्या कांड की सीबीआई से कराने की बात तो दूर रही अलबत्ा पूरे मामले की तह तक जाने और दोवष्यों की पहचान करके उनहें सजा दिलाने के लिए एक सामान्य जांच समिति गठित करने की जहमत भी नहीं उठाई गई । प्रदेश सरकार के इस रवैए से आहत , आक्ोवशत व क्ुबध सांसद सुनील सोरेन का साफ व सपष्ट तौर पर कहना है कि मुख्यमंत्ी
हेमंत सोरेन वोर् बैंक की राजनीति कर रहे हैं और मॉब लिंचिंग के मामले को लेकर सरकार की नीति व नी्यत साफ नहीं है । पूर्व सांसद ्यदुनाथ पांडे्य ने भी राज्यपाल से मिलकर रूपेश हत्याकांड की जांच सीबीआई से कराने की मांग की है । ज्ात हो कि हजारीबाग जिला के बरही प्रखंड के रहनेवाले 17 वर्षीय किशोर रूपेश की हत्या सरसिती पूजा के विर्सजन के दौरान की ग्यी थी । 6 फरवरी 2022 को रूपेश की हत्या हिंसक भीड के द्ारा एक समुदा्य विशेष की ओर से की गई थी । राज्य में आ्ये दिन लोगों की भीड कानून को हाथ में लेकर हत्या की जघन्य वारदातों को अंजाम देने से नहीं हिचक रही है और इस तरह के मामले आए दिन प्रदेश के विभिन्न हिससों से सामने आ रहे हैं । दुर्भाग्यपूर्ण बात ्यह है कि समुदा्य विशेष द्ारा सांप्रदाव्यक कट्टरता के तहत अंजाम दिए जाने वाले ऐसे मामलों में पुलिस प्रशासन हाथ पर हाथ धरे रहती है जिसके कारण मॉब लिंचिंग की घर्नाएं अब सरेआम हो रही है । राज्य के
रामगढ़ , कोडरमा , चतरा और सिमडेगा जिला में मॉब लिचिंग की घर्ना हो चुकी है । ऐसी ही घर्ना में खलारी में विशि हिनदू परिषद का्य्थकर्ता मुकेश सहनी की हत्या कर दी गई ।
वोट बैंक के लिए वर्ग क्िशेष कञा तुचष्करण
हालांकि भीड द्ारा की जाने वाली हिंसा और हत्या के मामलों पर रोक लगाने के लिए कठोर कानून आवश्यक है लेकिन उसमें राजनीतिक हित राधने और वर्ग विशेष का बचाव करने के लिए आदिवावस्यों को बलि का बकरा बनाए जाने की सरकार की नीति से जमीनी सतर पर काफी आक्ोश दिख रहा है । जनजाती्य सुरक्ा मंच के प्रांत सं्योजक संदीप उरांव ने बता्या कि राज्यपाल से एक प्रतिनिधिमंडल ने मिलकर मांग की है कि झारखंड विधानसभा द्ारा पारित भीड हिंसा एवं मॉब लिंचिंग निवारण विधे्यक को मौजूदा सिरूप में लागू होने पर रोक लगा्या जाए । उरांव ने बता्या कि इस विधे्यक के द्ारा भारत के संविधान के अनुचिेद 13 , 19 , 21 के तहत प्रापत मूल अधिकारों एवं अनुचिेद 243 व 244 के तहत प्रापत संवैधानिक अधिकारो से राज्य के जनजाती्य समाज को वंचित वक्या ग्या है । विधानसभा से पारित विधे्यक केंद्र एवं राज्य सरकार द्ारा बनाए गए वन्यमों का भी उललंधन करता है जैसे पंचा्यत के उपबंध अवधवन्यम 1996 , हिंदु विवाह अवधवन्यम 1955 , हिंदु दत्क एवं भरण पोषण अवधवन्यम 1956 और झारखंड पंचा्यती राज अवधवन्यम 2001 भी इससे प्रभावित होता है । केंद्र सरकार द्ारा जनजाती्य समाज को संरक्ण और हक प्रदान वक्या ग्या है उससे भी आदिवासी समाज वंचित हो जाएगा । राज्यपाल आदिवावस्यों के हितो के संरक्क हैं । उरांव ने बता्या कि मॉब लिंचिंग विधे्यक के माध्यम से सरकार वोर् बैंक की राजनीति कर रही है और वर्ग विशेष का तुष्टिकरण करना चाह रही है । उरांव का साफ तौर पर कहना है कि झारखंड में सनातनी समाज को चोर् पहुंचाने का काम सरकार की ओर से वक्या जा रहा है । �
38 दलित आं दोलन पत्रिका vizSy 2022