सुमित चौहान ia
जाब में सरकार बनाने वाली आम आदमी पार्टी आजकल शहीद भगत सिंह और बाबा साहब डॉ आंबेडकर की तसिीरों का खूब इसतेमाल कर रही है । पंजाब में क़रीब 32 फीसदी दलित आबादी के बडे हिससे ने भगवंत मान को सीएम बनाने में बडी भूमिका निभाई है इसलिए ख़ासकर बाबा साहब को लेकर अरविंद केजरीवाल खूब सक्रिय हैं , बाबा साहब के जीवन संघर्ष को ‘ नार्क ’ कहकर उसे दिखा्या भी जा रहा है लेकिन जब भागीदारी की बात आती है तो अरविंद केजरीवाल को सवर्ण जाति के नेताओं में सबसे ज़्यादा र्रैलेंर् नजर आता है और वो दलितों ,
बड़ा सवाल : दलित विरोधी हैं के जरीवाल ?
पंजञाब में आप के पञाखंड की कलई खुली रञाज्यसभञा चुिञाि में के जरीिञाल ने बिञाई दलितों दूरी
'' डॉ . आंबेडकर की फोर्ो तो लगा ली लेकिन राजरसभा में पांचों सांसद में से एक भी अनुसयूदचर जाति के वरककर को नहीं चुना । इन्होंने राष्ट्दपरा महातमा गांधी की फोर्ो को नहीं लगाया । अब इनकी असलियत सामने आ जाएगी । दशकों लग जाते हैं पार्टी बनाने में । मेहनत करनी पडरी और लोगों के बीच में जाकर काम करना पडरा है ।''
— कुमारी सैलजा
वपिडों , मुसलमानों और महिलाओं को सत्ा में भागीदार नहीं बनाते ।
वोट बटोरने के बञाद दिखञायञा ठें गञा
आम आदमी पार्टी ने पंजाब से 5 नए लोगों को राज्यसभा भेजने का फ़ैसला वल्या है । इन पाँच नामों में – दिलली से आप विधा्यक राघव चड्ा , मशहूर वक्केर्र हरभजन सिंह , कारोबारी संजीव अरोडा , कारोबारी अशोक वमत्ल और पंजाब में आम आदमी पार्टी के थिंक र्ैंक में शामिल डॉ संदीप पाठक शामिल हैं । राज्यसभा
जाने वाले इन पाँचों नेताओं में से एक भी दलित नहीं है । अरविंद केजरीवाल को पिछडे समाज से भी कोई ऐसा नेता नहीं मिला जिसे राज्यसभा में भेजा जा सके । इस लिस्ट में ना ही कोई मुसलमान है और ना ही कोई महिला । ख़ुद को शहीद भगतसिंह और बाबा साहब डॉ आंबेडकर के वसधिांतों पर चलने का दावा करने वाले अरविंद केजरीवाल ने दलित-पिछडे समाज को कोई भागीदारी नहीं दी । उनहें बस सारा र्रैलेंर् बवन्या , गुपता , खत्ी जैसे सिणणों में ही नजर आ्या ।
vizSy 2022 दलित आं दोलन पत्रिका 33