eMag_April2022_DA | Page 31

eqn ~ nk

बंगाल में दलितों वंचितों की सुनवाई नहीं - जगन्ा् सरकार

रञाष्ट्रपक्त शञासन से होगञा रञाज्य की स्स्थक्तयों में सुधञार खूनी हिंसञा को बढञािञा दे रही हैं ममतञा बिजटी

संजय दीक्षित

^n

शकों से पसशचम बंगाल में राजनीति का वासतविक अर्थ हिंसा के माध्यम से जनता के मध्य वर्चसि बनाना ही रहा है । हिंसा का जो तांडव किसी सम्य वामपंथी सरकार की पहचान थी , हिंसा का वही तांडव वर्तमान सम्य में तृणमूल कांग्ेस के शासन में भी देखा जा सकता है । 2021 में सत्ा में वापसी के बाद से ही ममता बनजटी के नेतृति वाली राज्य सरकार अपने राजनीतिक विरोवध्यों के विरुधि खूनी हिंसा को आँख बंद करके बढ़ावा देने में जुर्ी हुई है । दुःख और हैरत की बात ्यह है कि राजनीतिक हिंसा एवं उतपीडन को रोकने में राज्य पुलिस और प्रशासन पूरी तरह असफल हो चुका है । हिंसा और उतपीडन का सर्वाधिक शिकार राज्य की दलित , पिछड़ी और गरीब जनता ही हो रही है , लेकिन मुख्यमंत्ी ममता बनजटी अपनी आँखों को बंद करके बैठी हुई हैं ।" ्यह कहना है राज्य में अनुसूचित जाति के लिए आरवक्त रानाघार् लोकसभा सीर् से सांसद जगन्नाथ सरकार का ।
के न्द्र की योजिञाओं पर बंदिश
दलित आंदोलन पवत्का के साथ राजधानी दिलली में हुई विशेष मुलाकात के दौरान भाजपा सांसद जगन्नाथ सरकार काफी क्ुबध नजर आ्ये । उनहोंने कहा कि राज्य में पिछले वर्ष न्यी
सरकार बनने के बाद दलित , पिछड़े और गरीब वर्ग की जनता की मुसीबतें बढ़ ग्यी है । राजनीतिक प्रवतद्सनद्ता का शिकार इनहीं वर्ग की जनता सबसे ज्यादा हो रही है । ससरवत ्यह है
कि प्रधानमंत्ी नरेंद्र मोदी ने केंद्र में सत्ा संभालने के बाद दलित , पिछड़े और गरीब वर्ग की जनता के लिए जो भी केंद्री्य ्योजनाएं चला्यी ग्यी , उन ्योजनाओं का पूर्ण लाभ जनता तक नहीं
vizSy 2022 दलित आं दोलन पत्रिका 31