Education in Delhi Schools: Rhetoric vs. Reality Delhi-School-Education-Rep-June-2018 | Page 31

इस नई श ा णाल को लागू करने के लए आप ज द से सरकार म भी बात कर। और जब तक यह नई श ा णाल लागू नह ं हो जाती, हम प र ु ाने पा य म से पढ़ाना बंद कर ता क हम अपना समय कूल के बाहर आधु नक वैकि पक पढ़ाई (modern alternative education) म उपयोग कर सक । इस बारे म आप अपना नणय सावज नक और औपचा रक ध यवाद आपके कूल क छा ाएं - अग त 8, 2017 प से त र ु ं त कूल म घो षत कर। ब च के माता- पता का प श ा का गरता हुआ तर और उसम स ध ार का स झ ाव जैसा क कूल क छा ाएं अपने अग त 8, 2017 के प म कह रह ह, हम ब च के माता- पता उससे प र ू तरह से सहमत ह। आज क कूल क पढ़ाई हमारे ब च के कसी काम नह ं आ रह । इस लए श ा णाल म प र ू तरह से स ध ार करके उसे त र ु ं त आधु नक बनाया जाए ता क नयी श ा हमारे ब च को अ छा इंसान बना सके और उ ह अपनी जी वका कमाने और अ छ नौकर लेने म सहायता कर सके । ब च के माता- पता अग त 8, 2017 Letter from RMN Foundation to Principal To The Principal / Vice Principal Government Girls Senior Secondary School Site - 1, Sector 3, Phase III, Dwarka New Delhi 110 078 Kind Attention: Ms. Usha Gupta, Vice Principal October 23, 2017 Subject: Representation from students and parents to improve the education system in your school Dear Madam, I am a journalist and social activist. At present - along with my editorial work - I run a humanitarian organization RMN Foundation. This is about the enclosed 8-page representation - signed by hundreds of students and parents - which urges you to improve the quality of education in your school. Education in Delhi Schools: Rhetoric vs. Reality. Research Report by Rakesh Raman. June 2018. Page 30 of 52