Education in Delhi Schools: Rhetoric vs. Reality Delhi-School-Education-Rep-June-2018 | Page 28

ट चर क रता ट चर क ू रता और आतंक का कहर उस व त और भी बढ़ जाता है जब वे लास म सवाल प छ न पर बेचारे ब च या व या थय को या तो ऊँची आवाज़ म डराते और धमकाते ह या उ ह मारते – पीटते ह। उसके बाद ब चा इतना डर जाता है क लास म कभी सवाल नह ं प छ ता। ऐसा डरा हुआ ब चा मान सक रोग का शकार हो जाता है और अपनी प र ू िजंदगी म न तो कुछ सीख पाता ह और न ह कुछ अ छा काम कर पाता है । यहाँ यह बताना आव यक है क भारत के कान न के म त ा बक, कूल म ट चर ब च को ऐसी कोई सज़ा नह ं दे सकते िजससे ब च को कोई शार रक या मान सक पीड़ा हो। य द ट चर ऐसा करते ह तो वह एक कान न न अपराध माना जाता है िजससे ट चर क नौकर भी जा सकती है । ले कन कूल के ब च और उनके माता– पता को ट चर ने इस तरह डराया हुआ है क वे इन ट चर के आतंक और कूल म और क मय के बारे म कह ं शकायत नह ं कर पाते । एक तरह से ट चर न ब च और उनके माता– पता क आवाज़ को दबा दया है जो एक मानव अ धकार का उ लंघन (human rights violation) माना जाएगा। अगर कोई शकायत करने क को शश करता है तो कूल ट चर उसको अनस न ा कर दे ते ह और य द कोई लख कर शकायत करने क सोचता है तो कूल म जान–ब झ कर ऐसा कोई बंध नह ं कया गया जहाँ शकायत को औपचा रक प से वीकार कया जाए। कूल म हर कदम पर धोखा है । य कं म भारत क राजधानी द ल म ग़र ब ब च के लए एक मु त श ा का कूल (free school for desrving children) चलाता हुँ , म ऐसे कई द ख ी ब च और उनके माता– पता को रोज़ मलता हुँ जो अपनी आवाज़ कूल या सरकार तक नह ं पहुंचा सकते । लोग ने मलकर उठाई आवाज़ हाल ह म द ल म वारका के एक कूल के टूड स और माता- पता ने सामू हक प से प लख कर ं सपल को श ा णाल म स ध ार करने क मांग क । ले कन द ख क बात है क उनक बात स न ने क बजाय कूल के अ यापक ने टूड स और उनके माता- पता को ऐसी मांग करने के लए डराना शु कर दया है और उ ह ाइवेट य श न पढ़ने के लए मजब र ू कया जा रहा है । RMN Foundation - जो टूड स को मु त आधु नक श ा दे ने के लए कर ब तीन साल से बना कसी सहयोग के द ल म एक कूल चला रहा है - इस मामले म टूड स को उनका श ा का अ धकार दलवाने क को शश कर रहा है । और अब RMN Foundation ने टूड स और माता- पता के सहयोग से इस अ भयान को द ल के और भी कूल म ले जाना शु कर दया है ता क सरकार क आँख ख ल और वह श ा णाल म स ध ार के साथ-साथ बेईमान ट चर को ज द से नौकर स नकाले । आप द ल के वारका कूल का केस नीचे पढ़ सकते ह। Education in Delhi Schools: Rhetoric vs. Reality. Research Report by Rakesh Raman. June 2018. Page 27 of 52