Education in Delhi Schools: Rhetoric vs. Reality Delhi-School-Education-Rep-June-2018 | Page 26
द ल के कूल म श ा का गरता हुआ तर
In order to protect the education rights of children, I am working to help students and
parents raise their voice against the injustice being done to them. I had sent the
following representation to the government. It is based on a signature campaign in
which hundreds of harmed students and parents participated.
द ल के कूल म बढ़ते अ याचार के ख़लाफ़ लोग ने उठाई आवाज़
शु कया ह ता र अ भयान
गु गो वंद दोन खड़े , काके लाग ं ू पाँय ।
ब लहार गु आपनो, गो वंद दयो मलाय ।
यह कह कर संत कबीर ने गु या न अ यापक को भगवान से भी ऊपर का थान दया था। ले कन
आज का अ यापक भगवान नह ं बि क शैतान बन कर रह गया है ।
आप सब को यह पता होगा क आज दे श – वदे श म यह कह कर भारत क श ा णाल पर सवाल
उठाए जा रहे ह क य द भारत म श ा का तर इतना ख़राब है तो माता– पता अपने ब च को
कूल या कॉलेज य भेजते ह। जब क श ा का एक बडा उ दे य टूडट को अ छ नौकर के लए
तैयार करना है , भारत म श ा का नौकर से कोई स ब ध नह ं है । अपनी श ा प र ू करने के बाद
जब अ धकतर लोग को नौकर नह ं मलती, तब जाकर उ ह पता चलता है क उ ह ने अपनी
िजंदगी के कई साल श ा लेने म बबाद कर दये ।
यहाँ तक क भारत सरकार ने अपनी रा य श ा नी त के ा प 2016 (Draft National
Education Policy, 2016) म भारत क श ा यव था म इतनी क मयां बताई ह क कुछ लोग तो
अपने ब च को कूल या कॉलेज म भेजना ह बंद कर दगे । इसम यह भी कहा गया है क भारत के
कूल म अ धकतर श क पढ़ाने के यो य नह ं ह।
भारत क श ा के गरते हुए तर क बात अब सफ भारत म ह नह ं बि क प र ू द ु नया म क जा
रह है । उदाहरण के लए वैि वक मानव वकास स च
कांक (एच.डी.आई.) – Global Human
Development Index (HDI) – म भारत का थान वशव म बहुत नीचे या न 131 नंबर पर आता ह
– जो एक चंता का वषय है । बहुत से छोटे और गर ब दे श म भी श ा यव था भारत से बहुत
अ छ है ।
इस श ा णाल म गरते हुए तर का सबसे बड़ा उदाहरण हम द ल के कूल म मलता है जहा
श ा के नरं तर बगड़ते हालात को स ध
ारने क बजाय कूल म अ यापक एक तरह से ब च और
उनके माता- पता पर अ याचार कर रहे ह।
हालाँ क राजनी तक चालबाज़ी करनेवाले नेता द ल क श ा के बारे म झ ठ
े दावे कर रहे ह, स चाई
यह है क कूल क बि डंग और कूल के कमर को श ा म स ध
ार कह कर बताया जा रहा ह
Education in Delhi Schools: Rhetoric vs. Reality. Research Report by Rakesh Raman. June 2018. Page 25 of 52