Divya Prakash Aug. 2013 | Page 19

vk'kqrks"k dqekj feJ egkohjiqje dkyksuh cjxnoka] xksj[kiqj ऩरयवाय एक ऐसी सॊस्था है जो ककसी भानससक व्मक्तत ववकास क े साभाक्जक औय भें फहुत भहत्वऩूणण बसभका ननबाती है . मे कहना गरत नह ॊ ू होगा कक व्मक्तत की भौसरक ऩहचान उसक ऩरयवाय भें ह ननहहत होती है . बायत क सॊदबण भें अगय फात की जाए, तो मे वह याष्ट्र े े है , जहाॊ हभेशा से ह भूल्मेआ औय बावनाओॊ का वहद भहत्व यहा है . जीवन का कोई बी ऺेत्र ऐसा नह ॊ है जहाॊ आऩसी रयश्तेआ ृ की उऩमोगगता को कभ आॊका जा सक. फच्चे क ऩैदा होने से रेकय, उसकी सशऺा-द ऺा, वववाह आहद सबी कामणक्रभेआ भें े े ऩरयवाय औय सॊफॊगधमेआ की बसभका फेहद भहत्वऩणण यहती है . ू ू रेककन जैसे-जैसे सभम फदरता है , ऩरयक्स्थनतमाॊ बी अऩना रुख दसय ओय भोड़ रेती हेऄ. एक सभम था जफ अऩने ू ऩरयवाय को अऩनी ऩहचान औय ऩारयवारयक सदस्मेआ को अऩनी क्िम्भेदाय सभझने वारेआ की कोई कभी नह ॊ थी. रोग एकदसये की खशी क सरए ह जीते थे, रोगेआ की प्राथसभकताएॊ आज की अऩेऺा बफल्कर अरग थीॊ. कृवष की प्रधानता क कायण े े ू ु ु अगधकतय रोग ऩरयवाय सभेत खेती भें ह सॊरग्न यहते थे औय राब का उगचत फॊटवाया ककसी बी तयह क भनभुटाव को ऩैदा े होने नह ॊ दे ता था. ऩरयणाभस्वरूऩ ऩरयवाय क सबी सदस्म एक ह छत क नीचे प्रेभ -बाव क साथ यहते हुए, हय सख-दख को े े े ु ु साझा कय रेते थे. रेककन वतणभान क्स्थनत ऩहरे की अऩेऺा बफल्कर अरग है . ु वैश्वीकयण औय उदाय कयण जैसी नीनतमेआ ने बायतीम सभाज को ऩूय तयह से ऩरयवनतणत कय हदमा है . एक ओय तो इनक आने से आगथणक उन्ननत की सॊबावनाएॊ फढ़ गई हेऄ, तमेआकक इन नीनतमेआ ने व्मक्तत को ऐसे अनेक भौक प्रदान ककए हेऄ, े े क्जनक उगचत उऩमोग से वह खद को दसयेआ से फेहतय साबफत कय सकता है . े ु ू वह ॊ दसय ओय इन नीनतमेआ की वजह से बायत भें एक ऐसे आगथणक ऩरयवेश का ननभाणण हुआ है , जो ननक्श्चत तौय ू ऩय व्मक्ततगत हहतेआ की ऩूनतण क सरए तो राबकाय है , रेककन हभ इस फात को नकाय नह ॊ सकते कक आज जो आऩसी े रयश्तेआ औय ऩरयवायेआ क भहत्व क कभी आई है वह इन नीनतमेआ का ह ऩरयणाभ है . सॊमुतत ऩरयवाय जो कबी बायतीम सभाज े े की ऩहचान हुआ कयते थे, आज ऐसे हारात आ गए हेऄ कक इनकी अवधायणा ह ऩूय तयह सभाप्त हो चुकी है . व्मक्ततगत भहत्वाकाॊऺाओॊ का कद हदनेआहदन फढ़ता जा यहा है . फड़ी उॊ चाई तक ऩहुॊचने क सरए व्मक्तत उन रयश्तेआ े को ऩीछे छोड़ दे ता हेऄ क्जनक सहाये उसने अऩनी ऩया फचऩन व्मतीत ककमा था. े ू फड़े-फड़े ऩरयवायेआ की फात छोड़ बी द जाए, तो भाता-वऩता का साथ बी भनष्ट्म को यास नह ॊ आ यहा. वह उन रोगेआ ु क भहत्व को ह नकायने रगा है क्जन्हेआने उसे