Dec 2024_DA | Page 39

चुना्व में कांग्रदेस और सपा के ग्ठबंधन को ताकत िदेता दिखा , इस उपचुना्व में उसकी प्राथमिकता भाजपा रही । ्वहीं , बसपा की झोली में सीट तो नहीं डाली , लदेत्न तीन सीटों पर इतना ्वोट िदे दिया कि उसनदे सपा का खदेल बिगाड दिया ।
्वहीं , संभा्वनाएं िदेख ्वोटों का कुछ तन्वदेश चंद्रशदेखर आजाद के नाम पर भी कर डाला । उपचुना्व के परिणाम के बाद फिर सदे चर्चा के केंद्र में पिछडों के अला्वा दलित मतदाता मुखय रूप सदे है । इस त्वमर्श का आधार बनदे हैं आंकड़े । जैसदे अंबदे््रनगर की कटडेहरी त्वधानसभा सीट पर कुल लगभग चार लाख मतदाताओं में सबसदे अधिक करीब एक लाख दलित मतदाता हैं ।
दूसरा सथान भाजपा के पक् में कहदे जानदे ्वालदे ब्राह्ण का है तो तीसरदे सथान पर 40
हजार मुशसलम और फिर करीब 22 हजार याि्व ्वोटर हैं । मुशसलम-याि्व ग्ठजोड सपा के पक् में स्वाभात्व् है । इसमें यदि दलित भी अचछा मिल जाता तो सपा की जीत तय थी , लदेत्न सपा 56 हजार ्वोटों के आसपास सिमट गई । यहां दलित नदे भाजपा को जिताया तो विकल्प में बसपा को रखतदे हुए 41,647 ्वोट िदे दिए । इसी तरह मीरापुर में करीब एक लाख 30 हजार मुशसलम मतदाता हैं । सपा को 50 हजार मतों ्वालदे दलित ्वगमा का भी साथ मिलता तो जीत की राह निकल सकती थी , लदेत्न यहां रालोद के पक् में दलित-जाट ग्ठजोड ए्वं अनय पिछडों ए्वं सवर्णों का ग्ठजोड त्वजय दिलानदे ्वाला रहा ।
मगर , यहां भी दलित विकल्प तलाशता दिखा और बसपा सदे ऊपर आजाद समाज पाटजी को
तीसरदे नंबर की ्वरीयता पर रखतदे हुए 22661 ्वोट िदे दिए । ऐसा ही उदाहरण फूलपुर है , जहां सबसदे अधिक 75 हजार दलित मतदाता हैं । दूसरदे सथान पर 70 हजार कुमजी हैं तो याि्व- मुशसलम के एकजुट ्वोट का आंकडा भी एक लाख दस हजार पर पहुंचता है । परिणाम का इशारा है कि दलित यहां भी सपा सदे त्वमुख हुआ भाजपा को त्वजयी बनानदे के साथ 20342 ्वोट बसपा को िदे डाला ।
इस बीच कांग्रदेस के नदेताओं को दबी जुबां सदे यह कहनदे का मौका जरूर मिल गया कि दलितों नदे कांग्रदेस के कारण सपा को लोकसभा चुना्व में जिताया और ग्ठबंधन में कांग्रदेस को हाशिए पर रखा गया तो दलित नदे भी मुंह मोड लिया । 2024 में ही हुए लोकसभा चुना्व में सपा और कांग्रदेस नदे मिलकर चुना्व लडा । संत्वधान बचानदे और जातीय जनगणना के मुद्दे पर दलित ्वोट बैंक बड़े सतर पर सपा और कांग्रदेस के साथ गया । अनुमानों के त्वपरीत सपा प्रिदेश में 37 सीटें जीतनदे में सफल रही । कांग्रदेस को छह सीटें मिलीं । राजनीतिक टीकाकारों के अनुसार उस समय बडी संखया में दलित ्वोटरों नदे सपा और कांग्रदेस के पक् में मतदान किया था । इस बार ्वह असर गायब दिखा । चुना्व परिणाम इस बात का इशारा कर रहदे हैं कि सपा दलितों को फिर सदे अपनदे पालदे में रखनदे में नकामयाब रही है ।
जातीय जनगणना लोकसभा चुना्व में बडा मुद्ा बनकर उभरी । कांग्रदेस नदेता राहुल गांधी नदे अपनी हर सभा में इस मुद्दे को उ्ठाया । सपा भी जातीय जनगणना की बात कहती रही लदेत्न इन चुना्वों में जातीय जनगणना की बात सिरदे सदे गायब दिखी । जाति जनगणना के साथ-साथ संत्वधान बचानदे का मुद्ा भी इन चुना्वों में नहीं दिखा । अखिलदेश याि्व के द्ारा छोडी गई करहल और दूसरी मुशसलम बाहु्य सीट सीसमाऊ में सपा के आगदे चलनदे के अलग समीकरण हैं । इन दो सीटों की बात को छोड दें तो बाकी सीटों पर सपा का पीडीए फलॉमू माला साथ िदेता हुआ नहीं दिखा । याि्व के अला्वा बाकी अनय पिछड़ा ्वगमा की जातियां उस तरह सदे सपा के पालदे में नहीं आईं जैसा लोकसभा के चुना्वों में हुआ था । �
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