Dec_2023_DA | Page 21

है । परिणाम आने से पहले मीडिया के एक वर्ग स्थित तमाम कदथित चुनावी विशेरज् , रणनीतिकार एवं ्टूलदक्ट द्ारा यह प्रचारित और प्रसारित किया जाता रहा कि यह चुनाव भाजपा के लिए अदनिपरीक्षा है और इन चुनावों के आने वाले परिणाम आगामी लोकसभा चुनाव की दिशा और दशा को तय करेंगे । लेकिन ऐसे तथिाकदथित चुनावी हवाबाजों को आम जनता से आईना दिखा दिया ।
राजस्थान , मधयप्रदेश एवं छत्तीसगढ़ में भाजपा की अभदूतपदूव्म विजय में दलित , पिछड़ा , वनवासी एवं गरीब जनता के साथि ही महिलाओं की भागीदारी रही , वही तेलंगाना में भाजपा को मिली सफलता ने एक नया अधयाय लिखा है , यह अलग बात है कि भाजपा यहां अपनी सरकार नहीं बना पाई । इसी तरह मिजोरम में हुए चुनाव में मिजोरम में जोरम पीपुलस मदूवमें्ट ( जेडपीएम ) ने ्पष्ट बहुमत हासिल किया ,
लेकिन भाजपा ने तीसरे स्थान पर आकर अपने कद को और मजबदूत किया है ।
केंद्र में 2014 में भाजपा सरकार का गठन होने के बाद से इन सभी राजयों के विकास को एक नई गति मिलने के साथि केंद्र सरकार की तरफ से समग् विकास की राह में प्रायः सुनियोजित रूप से खड़ी की जाने वाली बाधाओं से मुसकत मिली । इसका नतीजा तीनों राजयों में हुए जनसामानय के विकास के रूप में भली भांति देखा जा सकता है । कांग्ेस सहित उसके तमाम सहयोगी लगातार यह दावा करते रहे कि तीनों राजयों में वह अपनी सरकार का गठन करेंगे और इसके लिए झदूठ , गलत एवं भ्रामक आरोप व प्रचार का सहारा भी लिया गया । कांग्ेस और उनके भाजपा विरोधी सहयोगी झदूठ और भ्रामक प्रचार को लेकर चुनाव मैदान में ड्टे रहे , लेकिन आम जनता ने झदूठ और भ्रामक प्रचार को पदूरी तरह नकार दिया और भाजपा पर अपना भरोसा जताया । चुनाव परिणाम को अगर राजयवार देखा जाए तो भाजपा का विकास और कांग्ेस सहित दलों का फरेब ्पष्ट रूप से कुछ इस तरह से समझा जा सकता है--
fnlacj 2023 21