Cooch Behar Chronicles 2013 Issue | Page 7

কোচবিহার ! কোচবিহার !

কৃষ্ণচূড়া জারুল আর গুলমোহরের রঙ বাহার !

কোথায় গেলে দেখতে পাবে ?

কোচবিহার ! কোচবিহার !

মনমাতানো রাজার শহর , কত শত স্মৃতি

তোমার আমার সবার আপন

কোচবিহার যে সেটি !

শান্ত শহর ,সবুজ শহর ,দীঘি দিয়ে ঘেরা

আমার শহর কোচবিহার

সব চাইতে সেরা !

মধ্যমণি মদনমোহন সবার তিনি ত্রাতা

মানুষ জনও বড্ড ভালো

বড্ড সরল সোজা |

এই শহরে জ’ন্মে আমি ধন্য যে হলাম

কোচবিহার কোচবিহার

তোমায় হাজার সালাম !

- বিপাশা দত্ত

Cob Chronicles के प्रथम संस्करण मे आपका स्वागत हैं । वेब समुदाय की यह नई नवेली तिमाही पत्रिका आपके शहर का आईना हैं । इसमे आप अपने शहर को एक नए नजरिए से देख पाए यही हमारी कोशिश हैं। समाचार, कविता, कहानियों के संग्रह के अलावा आप अपने शहर के वर्तमान को महसूस कर पाए यही हमारी चाह हैं। इसके द्वारा वेब जगत मे आपका एंव आपके हेरिटेज शहर की नई पहचान बना पाने की हमारी प्रतिबद्धता हमेशा बनी रहेगी । हमारी यह हमेशा कोशिश रहेगी की हम इसके विभिन्न विषय – वस्तुओं के द्वारा आप को साथ लिए चले । Cob Chronicles के सफल पदार्पण के लिए हम आप सभी पाठक बंधुओं का शुक्रगुजार हैं । आईए एक नया जरिया बने आपस मे एक – दूसरे से जुड़े रहने का, अपने शहर को एक नई पहचान देने का । धन्यवाद ।

Photo courtesy ofMalabika Chanda