गरीबी
गरीबी क्या चीज होती है ,
पूछो ! उन झोपड़ी में रहने वालों से ।
जो किसी तरह गुजर – बसर करता है ।
या कि पूछो ! उन नेताओं से जो गरीबों का खून चूसकर,
अपनी इमारतें खड़ी कर डाली है ।
गरीबी एक अभिशाप बन चुकी है ,
जो इसको भोगता है ।
वे हर समय हर क्षण एक – एक पैसे का मोहताज रहता है ।
गरीब अपने भाग्य पर रोता है ,
कि ईश्वर ने उसे ऐसा क्यों बनाया ।
अमीरी – गरीबी की खाई काफी बड़ी है ,
जितना कि धरती व आसमान ।
आखिर ! वो समाज के दरिंदों , इसे भी जीने का अधिकार दो । इसके अधिकार को तुम मत कुचलों ,
ताकि वे अपने भाग्य पर रोए ।
एक ही ईश्वर ने तुम दोनों को बनाया ,
लेकिन इतना अंतर क्यों ?
अभी भी समय है कि चेत जाओ ,
वरना ! ये सब तुम्हें जलाकर राख कर डालेंगे ।
क्योंकि न जाने किस समय किस रूप में ,
इनके रहनुमा गाँधी का पुनः अवतार हो जाए ।
जैसा कि भगवान कृष्ण ने कहा – -
कि संभवामी युगे – युगे ....
Photo Courtesy of Sourav Chatterjee