Cooch Behar Chronicles 2013 Issue | Page 54

गरीबी

गरीबी क्या चीज होती है ,

पूछो ! उन झोपड़ी में रहने वालों से ।

जो किसी तरह गुजर – बसर करता है ।

या कि पूछो ! उन नेताओं से जो गरीबों का खून चूसकर,

अपनी इमारतें खड़ी कर डाली है ।

गरीबी एक अभिशाप बन चुकी है ,

जो इसको भोगता है ।

वे हर समय हर क्षण एक – एक पैसे का मोहताज रहता है ।

गरीब अपने भाग्य पर रोता है ,

कि ईश्वर ने उसे ऐसा क्यों बनाया ।

अमीरी – गरीबी की खाई काफी बड़ी है ,

जितना कि धरती व आसमान ।

आखिर ! वो समाज के दरिंदों , इसे भी जीने का अधिकार दो । इसके अधिकार को तुम मत कुचलों ,

ताकि वे अपने भाग्य पर रोए ।

एक ही ईश्वर ने तुम दोनों को बनाया ,

लेकिन इतना अंतर क्यों ?

अभी भी समय है कि चेत जाओ ,

वरना ! ये सब तुम्हें जलाकर राख कर डालेंगे ।

क्योंकि न जाने किस समय किस रूप में ,

इनके रहनुमा गाँधी का पुनः अवतार हो जाए ।

जैसा कि भगवान कृष्ण ने कहा – -

कि संभवामी युगे – युगे ....

Photo Courtesy of Sourav Chatterjee