नारी
पुरुष रह गये धरती पर,
नारी चाँद पर पहुँच गई है।
कौन कहता है नारी,
पुरुषों से पीछे रह गई है?
पीछे चल के आने वाली,
अब आगे निकल गई है।
कौन कहता है नारी,
अब अचल ही रह गई है?
अपने शब्दकोश से अत्याचार को,
निकाल बाहर फेंक चुकी है।
कौन कहता है नारी,
अब भी अत्याचार सह रही है ?
सानिया, सायना और मेरिकोम,
भारत की ध्वजा फहरा रही है।
कौन कहता है नारी,
खेलों मे पुरषों से पीछे रह गई है ?
अग्निकन्या के रूप मे,
सबको चौका दे रही है,
राजनीति मे नारी आगे निकल रही है।
कौन कहता है नारी,
राजनीति मे आरक्षण की बाट जोह रही है ?
‘निवेदन’
आगे ये बढ़चुकी है
राह इनके प्रशस्त कीजिये
राह मे इनके रोड़े ने बने
रोड़े हटाने मे, इनकी मदद कीजिये।
Photo courtesy of Sourav Chatterjee