BISWAS Nov 1 Issue 18 | Page 144

आजकल देश में कोई भ8 व्यक्ति शिक्षा क्षेत्र में पसरी मार्केटिंग की बात नहीं कर रहा है. कोई बढ़ती बेरोजगारी की बात नहीं कर रहा है. कोई पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दाम की बात नहीं कर रहा है. कोई गैस सिलेंडर के बढ़ते दामों की बात नहीं कर रहा है. कोई भी बैंकों को लूट कर विदेश भाग जाने वाले सफेदपोश लुटेरों की बात नहीं करता. कोई बात नहीं करता कि अदालत के दरवाजे बंद हो जाएं तो न्याय कहां से मांगे? देश में किसानों की खुदकुशी की बात कोई नहीं करता! किसानों के संघर्ष की, उन पर थोपे गए काले कृषि कानूनों की भी कोई बात नहीं कर रहा है. उन किसानों के बारे में भी कोइबबात नहीं कर रहा है, जो महीनों से दिल्ली की सीमाओं पर बैठे हुए हैं. लोगों में इतना अज्ञान कहाँ से और क्यों आया? देश में मौजूदा अराजकता के लिए क्या हम खुद जिम्मेदार नहीं हैं? हिटलर के झूठ को भूलकर जैसे कि उस समय जर्मनों ने उसका समर्थन किया था और फिर पूरी दुनिया ने देखा है कि कैसे हिटलर ने जर्मनी को विनाश की ओर ले गया. उसी तरह आज दुनिया और भारत में भी यही कहानी दोहराई जा रही है.

एक मुट्ठी भर समूह विश्व अर्थव्यवस्था को नियंत्रित करना चाहता है. यह एक नई पूंजीवादी व्यवस्था की स्थापना करके एक बड़े गुलाम वर्ग का निर्माण करना चाहता है. बिल गेट्स वर्तमान में वैश्विक पूंजीपतियों की सूची में सबसे धनी व्यक्ति हैं. फोर्ब्स पत्रिका के अनुसार, बिल गेट्स वर्तमान में दुनिया के चौथे सबसे अमीर व्यक्ति हैं, जिनकी कुल संपत्ति 125 बिलियन डॉलर से अधिक है. माइक्रोसॉफ्ट की स्थापना बिल गेट्स ने की थी. कंपनी कंप्यूटर सॉफ्टवेयर बनाने के लिए जानी जाती है. 2002 में गेट्स की माइक्रोसॉफ्ट कंपनी के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव दायर किया गया था. कारण यह था कि बिल गेट्स अपने व्यवसाय को बढ़ाने के लिए एक कंप्यूटर में एक वायरस छोड़ देते थे और एक दवा के रूप में एंटीवायरस बेचते थे, ताकि माइक्रोसॉफ्ट ही राजा बना रह सके. उसने इसी कारण अपार धन बटोर लिया है.

निहितार्थ यह है कि बिल गेट्स जैसे पूंजीपति अपने व्यवसाय को बढ़ाने के लिए वायरस का उपयोग करते हैं. उसके बाद बिल गेट्स हर क्षेत्र में हाथ पैर फैलाकर विश्व अर्थव्यवस्था पर नियंत्रण करना चाहते हैं. बिल गेट्स ने 1998 में स्वास्थ्य के क्षेत्र में प्रौद्योगिकी विकसित करना शुरू किया. इसके अलावा बिल गेट्स समूह शिक्षा, कृषि और बैंकिंग में पैठ बना रहा है. बिल गेट्स ने दुनिया भर में कृषि भूमि में भारी निवेश किया है. सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन की सरकार के साथ साझेदारी भी है. विशेष रूप से बिल गेट्स जैव प्रौद्योगिकी विभाग, भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद और कुछ प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकारों के साथ काम कर रहे हैं. विशेष रूप से कोरोना की वैश्विक वैक्सीन बनाने में भी बिल गेट्स की अहम भूमिका है. इसी पृष्ठभूमि में मुट्ठी भर लोगों ने विश्व अर्थव्यवस्था को एक स्थान पर लाने के लिए कोरोना वायरस का कृत्रिम आतंक पैदा किया है और इसके माध्यम से बहुत महंगी दवाओं और टीकों को बेचकर भारी वित्तीय माया जमा करने का वैश्विक कारोबार शुरू हो गया है. इसके लिए लोगों को नशीले पदार्थ, चूहे समझकर जानबूझ कर खिलाकर उनकी जान ली जा रही है और मौत का भय पैदा कर लोगों की अर्थव्यवस्था को तबाह किया जा रहा है.

दरअसल, उन लोगों को गुलाम बनाया जा सकता है, जो गरीब हैं या जिनके पास बुद्धि की कमी है. इस समय दुनिया में जो हो रहा है, वह जनता को गुलाम बनाने की साजिश है. भारत में भी कुछ दिन पहले संसद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा घोषित 'नई विश्व व्यवस्था' (न्यू वर्ल्ड ऑर्डर) यही है.

हम नागरिक नहीं, बल्कि किसी के गुलाम हैं.