कवि राज बुँदॆली
अतिथि रचना के अंतर्गत.. शीर्षक-"बसंत " / सप्ताह 1
*************************************************
किरीट सवैया :-
==================
बागन बागन घूम रहॊ सखि, झूम रहॊ सब डारन-डारन ॥
कूलन कूलन फूलन फूलन, नीर तलाबन और कछारन ॥
गाँवन गाँवन खॊरन खॊरन, आँगन आँगन द्वारन द्वारन ॥
आवत जात वसंत सखी सुन,कंत न आवत पीर निवारन ॥