Basant 10 Feb 3013 | Page 4

कवि राज बुँदॆली

अतिथि रचना के अंतर्गत.. शीर्षक-"बसंत " / सप्ताह 1

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किरीट सवैया :-

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बागन बागन घूम रहॊ सखि, झूम रहॊ सब डारन-डारन ॥

कूलन कूलन फूलन फूलन, नीर तलाबन और कछारन ॥

गाँवन गाँवन खॊरन खॊरन, आँगन आँगन द्वारन द्वारन ॥

आवत जात वसंत सखी सुन,कंत न आवत पीर निवारन ॥