Basant 10 Feb 3013 | Page 31

Punam Sinha

दूर गगन तक फैल गयी है तरुनाई

झूम झूम के घूंघट खोले पुरवाई

फूल फूल पे भौंरें डोलें...मुख चूमें

कली कली अनजानी खुद ही शरमाई

पीली सरसों ने सुगंध बिखरा दी अपनी

गाने लगी हवा...लो फिर बसंत आई...!!

***पूनम***