Seema Agarwal
(शीर्षक----"बसंत " / सप्ताह 1)
यौवन, बसंत इस जीवन का
प्रकृति का यौवन बसंत
नवगात,नवपल्ल्व,नवकुसुम साथ नवगंध का उपहार
करने को इसका श्रृंगार
चहु ओर छाई हरयाली
रंग रंग के फूलो से
महक रही है डारी - डारी
पीली - पीली सरसों झूमे, कृषक हर्षित हो झूमे
फूलो पर मंडराते भौरे
तितलिया करती मधुपान
मीठे - मीठे स्वरों में, कोयल करती मधुगान
नाचे मयूर, मन मयूर नाचे, हर्षाके
पहुँन बसंती वसन, गाए बसंती राग रे
देख री सखी, आया ऋतुराज रे
आया ऋतुराज रे..............................................(सीमा अग्रवाल)