57,897 आंगनवाड़ी कें द्र उन्नत
दे श के 57,897 आंगनवाड़ी केंद्र को सक्षम
आंगनवाड़ी केंद्रनों के रूप में उन्नत क्कया
जा चुका है । उन्नतिकरण की जारी प्रक्रिया का उद्ेशय देश के सभी आंगनवाड़ी केंद्रनों को आधुक्िक समय के अनुसार काम के क्लए तैयार करना है ।
मक्हला एवं बाल क्वकास राजय मंरिी श्रीमती सावित्री ठाकुर ने लोकसभा में बताया क्क देश में 13,98,439 आंगनवाड़ी केन्द्र( एडबलयूसी) कार्यशील हैं । इनमें से 3,57,835 आंगनवाड़ी केन्द्र क्कराए के भविनों में चल रहे हैं । पन्द्रहवें वित्त आयोग में, दो लाख चयक्ित आंगनवाड़ी केत्द्रनों( प्रक्त वर्ष 40,000 आंगनवाड़ी केन्द्र) को क्मशन सक्षम आंगनवाड़ी और पोषण-2.0 के तहत सुदृढ़ और उन्त क्कया जाना है । इसका उद्ेशय क्शक्षा क्वकास काय्वरिमनों के साथ तालमेल करके छह वर्ष से कम उम्र के बच्चनों के रचनातमक, सामाक्जक, भावनातमक, संज्ािातमक और बौक्द्धक क्वकास को प्रोत्साहित करने के क्लए इंटरनेट, वाईफाई कनेन््टिविटी, एलईडी सरिीि, वाटर पयूरीफायर या आरओ मशीन लगाकर और समाट्ट लर्निंग सहायता, ऑक्डयो- क्वजुअल सहायता और बच्चनों के अनुककूल क्शक्षण
उपकरणनों, कलाककृक्त( शैक्क्षक पेंक्टरंग, बच्चनों के क्लए अभयास बोर्ड, सूचना बोर्ड), वलॉल पेंक्टरंग आक्द की व्यवस्था करके प्रारंक्भक बाल्यावस्था देखरेख और क्शक्षा सक्हत बेहतर बुक्ियादी ढांचा प्रदान करके पोषण प्रदायगी में सुधार क्कया जा सके ।
देश के सभी आंगनवाड़ी केंद्रनों को सक्षम आंगनवाड़ी केंद्रनों में उन्नत करने की मंजूरी दे दी गई है और गत 21 जुलाई तक 57,897 आंगनवाड़ी केंद्रनों को सक्षम आंगनवाड़ी केंद्रनों के
रूप में उन्नत क्कया जा चुका है । केंद्र सरकार वीक्डयो कॉन्फ्रेंसिंग और राजय सरकारनों / संघ राजय क्षेरि प्रशासन के साथ बैठकनों के माधयम से क्ियक्मत रूप से इनकी समीक्षा करती है । उत्हनोंिे बताया क्क क्मशन सक्षम आंगनवाड़ी और पोषण- 2.0 एक केन्द्र प्रायोक्जत योजना है । केन्द्र सरकार नीक्त और योजना के क्लए क्जममेदार है एवं राजय सरकारें काक्म्वकनों की ररन््तयनों को भरने के साथ- साथ काय्वरिम के क्दि-प्रक्तक्दि के कार्यान्वयन के क्लए क्जममेदार हैं । �
पीएम-दषि योजना
योजना एक केंद्रीय क्षेरि की योजना है क्जसे 2020-21 में पीएम-दक्ष
अनुसूक्चत जाक्त( एससी), अन्य क्पछड़ी जाक्त( ओबीसी), क्वमु्त जनजाक्त( डीएनटी), आक््थिक रूप से कमजोर वर्ग( ईडबलयूएस), कूड़ा बीनने वालनों सक्हत सफाई कर्मचारियनों जैसे क्वक्भन् लक्क्षत समूहनों की योगयता के सतर को बढ़ािे के उद्ेशय से शुरू क्कया गया था । योजना का उद्ेशय उन्हें वेतन आधारित रोजगार और सव-रोजगार दोिनों में रोजगार योगय बनाकर उनके सामाक्जक-आक््थिक
क्वकास में योगदान देना है ।
केन्द्रीय सामाक्जक न्याय एवं अक्धकारिता राजय मंरिी बी. एल. वर्मा ने लोकसभा में एक क्लक्खत उत्र में बताया क्क लक्क्षत समूह के अक्धकांश लोगनों के पास न्यूनतम आक््थिक संपत्ति है । इसक्लए, इन हाक्शए पर पड़े लक्क्षत समूहनों के आक््थिक सशन््तकरण एवं उत्ाि के क्लए प्रक्शक्षण और उनकी योगयताओं को बढ़ािे का प्रावधान आवशयक है । योजना के अंतर्गत, अन्य क्पछड़ी जाक्त( ओबीसी) और आक््थिक रूप से कमजोर वर्ग( ईडबलयूएस) के वह सभी लोग
उममीदवार प्रक्शक्षण हाक्सल करने के पारि हैं, क्जिकी वाक्ष्वक पारिवारिक आय तीन लाख रुपए से कम है । अनुसूक्चत जाक्त( एससी), क्वमु्त जनजाक्त( डीएनटी), सफाई कर्मचारियनों( कचरा बीनने वाले) से जुड़े उममीदवारनों के क्लए कोई आय सीमा नहीं है । योजना के क्लए वर्ष 2021-22 से 2025-26 तक 450 करोड़ रुपए की धनराक्श सवीककृत की गई है । पीएम-दक्ष योजना के अंतर्गत 2025-26 के बजट अनुमान में कोई बदलाव नहीं क्कया गया है, जो 130 करोड़ रुपए है । �
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