जनता भ्रमित हो गयी, परिणामसवरूप अटल क्बहारी बाजपेयी सरकार के क्वकास समबत्धी प्रयास भी जनता में कोई खास उममीद नहीं जगा पाए । देश की सत्ा में अपने मुस्लिम, वामपंथी और जाक्तगत आधार पर राजनीक्त में पैर ज़माने वाले नेताओं के सहारे कांग्ेस ने केवल सत्ा का सुख नहीं भोगा, बल्कि जिक्हत के नाम पर देश की जनता के संसाधिनों की क्िर्लज्जतापूर्ण ढरंग से जमकर लूटने में कसर नहीं छोड़ी ।
2014 में केंद्र में प्रधानमंरिी नरेंद्र मोदी के नेतृतव में भाजपा सरकार का गठन होना कांग्ेस और उनके सहयोक्गयनों के क्लए बड़ा झटका था । कांग्ेस को ऐसा लगता था क्क दुष्प्रचार के माधयम से वह मोदी को सत्ा से बेदखल कर देगी ।
लेक्कि ऐसा नहीं पाया । देश की राजनीक्त में पराक्जत, क्िराश एवं सत्ा के क्बिा छटपटाती हुई कांग्ेस एवं उसके सहयोगी लगातार देश में ऐसा वातावरण बनाने में लगे हुए हैं, क्जससे मोदी सरकार के क्लए संकट तो पैदा क्कए जा सके, साथ ही मोदी सरकार की देश-क्वदेश में कक््त मानवाक्धकार हनन, जातीय और धाक्म्वक क्हंसा के नाम पर छक्व क्बगाड़ने का काम क्कया जा सके । कांग्ेस में भारत प्रेमी नेताओं का अभाव और हर कीमत पर सत्ा हाक्सल करने की प्रवृत्ति के चलते, पाटशी पर क्वदेशी शन््तयनों ने अपना पूर्ण वर्चसव बना क्लया है ।
कांग्ेस, वामपंथी और उनके सहयोक्गयनों के असहाय होने का एक बड़ा कारण यह भी रहा
क्क मोदी की जीत के बाद देश की राजनीक्त में पहली बार जाक्त, वंश, तुन्ष्टकरण, सामप्रदाक्यकता, भ्ष्टाचार जैसी वषयों पुरानी बीमारियनों का अंत होना शुरू हो गया और देश की राजनीक्त में एक ऐसे मुद्े का जन्म हुआ, क्जस पर सवतंरिता के बाद से भाजपा क्वरोधी पाक्ट्टयां बात करने की आवशयकता का भी आभास नहीं करती थीI
क्वकास के रूप में सामने आए नए मुद्े को देश की जनता ने सर्वसम्मति से सवीकार क्कया है । साथ ही उन राजनीक्तक दलनों एवं नेताओं को क्किारे करना शुरू कर क्दया, क्जिके क्लए क्वकास कोई मुद्ा कभी नहीं रहा ।
कांग्ेस, वामपंथी दल और उनके सहयोक्गयनों के घटते जनसमर्थन के कारण न केवल लोक सभा में इनका प्रक्तक्िक्धतव, घट रहा है, बल्कि राज्यों में भी इनका जनाधार क्समट रहा है । ऐसे में कांग्ेस नेता राहुल गांधी अपने सहयोक्गयनों के साथ क्मलकर प्रधानमंरिी मोदी के कद को कम करके जनता को भ्रमित करने का काम लगातार करते आ रहे हैं । इसके क्लए असतय तथय एवं झूठ उनका हक््यार बन चुका है । कांग्ेस और उसके क्हत्दू क्वरोधी सहयोक्गयनों को पता है क्क सत्ा हाक्सल करने के क्लए क्हत्दू वोट में बंटवारा और मुस्लिम वोट को एकजुट करना होगा । इसी लक्य को लेकर कांग्ेस नेता राहुल गांधी अपने दल-बल के साथ क्बहार की सड़कनों पर उतरने जा रहे हैं । यह कोई रहसय नहीं है ।
देशक्वरोधी ताकतें झटपटा रही हैं । यह झटपटाहट दुष्प्रचार के रूप में देखी जा सकती है । ऐसे समय में उन देशक्वरोधी, समाज क्वरोधी तत्वों का मुकाबला करने के क्लए क्बहार की आम जनता को एकजुट होकर सामने आना होगा, तभी क्वकास की अवधारणा को मूर्त रूप क्दया जा सकेगा अन्यथा देश के नागरिक के रूप में अवैध घुसपैक्ठए दक्लत, गरीब, क्पछड़े एवं आक्दवासी वर्ग को क्मलने वाले लाभ में सेंध लगाते रहेंगे और उनके मतनों को हाक्सल करके राष्ट्रक्वरोधी ततव सत्ा को संभाल कर देश एवं समाज को अक्हत करने में पीछे नहीं हटेंगे । �
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