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आवरण कथा

शन््तयनों के हाथ में खेल रहे हैं । कांग्ेस और राष्ट्रक्वरोधी शन््तयनों का गठबंधन कई बार सार्वजक्िक रूप से उजागर हो चुका है । इसके बाद भी कांग्ेस और उसके नेता राहुल गांधी क्कसी ने क्कसी आड़ में देश को कमजोर करने की कोक्शश में जुटे हुए हैं ।
संवैधाक्िक संस्ाओं पर लगातार असतय आरोप लगाने वाले कांग्ेस नेता राहुल गांधी ने क्िर्वाचन आयोग पर भाजपा के क्लए ' वोट चोरी ' का गंभीर आरोप लगाया है । उनका दावा क्कया क्क वोट चोरी को क्सद्ध करने के क्लए उनके पास प्रमाणनों का परमाणु बम है, जब यह फटेगा तो क्िर्वाचन आयोग के पास देश में कहीं भी क्छपने की जगह नहीं बचेगी । आयोग के साथ ही कक््त वोट चोरी की धांधली में संक्लपत अक्धकारियनों को भी चेतावनी दी । कांग्ेस नेता राहुल गांधी का यह बयान उनकी भड़ास को दर्शाने के साथ ही उनकी नकारातमक मािक्सकता को भी सामने रखता है ।
2024 के लोक सभा चुनाव में ' संक्वधान खतरे में है ' का नारा देकर मतदाताओं को भ्रमित करने वाले राहुल गांधी अब क्बहार में वही प्रयोग कर रहे हैं । क्वपक्ष के नेताओं के साथ वह अगसत माह में सड़कनों पर राजय की मतदाता सूची के चल रहे क्वशेष गहन पुनरीक्षण क्वरोध करेंगे । दक्लत, वंक्चत, क्पछड़े एवं आक्दवासी मतदाताओं के क्हतनों की क्चंता करने के स्ाि पर वह एक वर्ग क्वशेष के नए पक्षकार बनकर कांग्ेस पाटशी के मूल चरररि को सामने रखने की कोक्शश कर रहे हैं ।
कांग्रेस की असलियत
क्बहार चुनाव से पहले कांग्ेस ने एक बार क्फर अपना दुष्प्रचार वाला हक््यार क्िकाल क्लया है । कांग्ेस और उनके सहयोगी दुष्प्रचार के माधयम से जनता को भ्रमित करने की उसी रणनीक्त पर चल पड़े हैं, क्जस प्रकार की रणनीक्त के माधयम से कांग्ेस साठ वषयों तक सत्ा में रहकर देश में मनमानी करती रही ।
सवतंरिता के बाद देश की सत्ा कांग्ेस के हा्नों में आ गई थी । सत्ा क्मलने के बाद कांग्ेस
के ततकालीन नेताओं ने देश की मूल वैचारिकी और सत्ा संवहन की राजनीक्त को अपने अनुककूल बदलने के क्लए सुक्ियोक्जत रूप से काम करना शुरू कर क्दया ।
कांग्ेस, वामपंक््यनों और मुस्लिमनों की सत्ा समबत्धी रणनीक्त पर अगर धयाि क्दया जाए तो कहना अनुक्चत नहीं होगा क्क सुक्ियोक्जत षड्ंरि के तहत देश की क्हत्दू जनता को बांटकर उनका उपयोग सत्ा हक््याने के क्लए क्कया जाता रहा । कांग्ेस की क्हत्दू क्वरोधी रणनीक्त में भारतीय संस्कृक्त के कट्टर क्वरोधी वामदलनों ने अपना भरपूर साथ क्दया । परिणामसवरुप देश के हर राजय में यानी उत्र से दक्क्षण तक और पूरब से पश्चिम राज्यों तक जाक्तगत मसीहा बनकर सत्ा
का सुख लेने वाले अयोगय राजनेता, राजनीक्तक दल एवं संगठन का एक ऐसा जमावड़ा लग गया, क्जसने देश और जनता का नुकसान करने में कोई कसर बाकी नहीं रखी । कांग्ेस जब सत्ा में नहीं रही, उस दौरान भी-वह चाहे 1977 से 1980 का कालखंड रहा हो या क्फर 1989 से 1999 का कालखंड या 1998 की भाजपा की सरकार रही हो, वह गठबंधन की सरकारनों को क्गराकर सत्ा हक््याने की भूक्मका में रही ।
1999 में भाजपा नेता अटल क्बहारी बाजपेयी के सरकार का जब समय था तो उस समय राजनीक्त की क्दशा बदलने के प्रयास तो शुरू हुए, पर कांग्ेस द्ारा क्वकास यानी इन््डया शाइक्िंग का क्वरोध इस तरह से क्कया गया क्क
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