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जनजातियों , भूमिहीन कृषि मजदूरों और पारंपरिक कारीगरों की श्ेणी से संबंधित कम आय ्वाले छात्ों को ठ्वदेश में अधययन करके मासटर डिग्री , पीएचडी पाठ्यक्रम जैसी उच्च शिक्ा प्रापत करने की सुठ्वधा प्रदान की जाती है I
केंद्रीय सामाजिक नयाय और अधिकारिता राजय मंत्ी रामदास आि्वले ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्र में बताया कि एनओएस योजना के तहत प्रतयेक चयन ्वषति में
धन की उपलबधता के अधीन 125 नए उम्मीद्वारों का चयन किया जाता है । छात्रवृठत् प्रदान किए जाने ्वाले 125 उम्मीद्वारों में से 115 अनुसूचित जातियों के उम्मीद्वारों के लिए , 06 गैर-अधिसूचित , घुमंतू और अर्ध-घुमंतू जनजातियों के लिए और 04 भूमिहीन कृषि मजदूरों और पारंपरिक कारीगरों के लिए हैं । प्रतयेक ्वषति की 30 प्रतिशत छात्रवृठत् महिला उम्मीद्वारों के लिए निर्धारित की जाती है ।
उनहोंने बताया कि एनओएस योजना के तहत
अर्हता प्रापत करने के लिए , उम्मीद्वारों को योगयता परीक्ा में कम से कम 60 प्रतिशत अंक या समकक् ग्रेड प्रापत करना चाहिए , उम्मीद्वारों की सभी स्ोतों से कुल पारर्वारिक आय पिछले ठ्वत्ीय ्वषति में 8 लाख रुपये प्रति ्वषति से कम होनी चाहिए , उम्मीद्वार की आयु चयन ्वषति की पहली अप्रैल को 35 ्वषति से कम होनी चाहिए और न्वीनतम कयूएस रैंकिंग के अनुसार शीर्ष 500 कयूएस रैंक ्वाले ठ्वदेशी ठ्वश्वठ्वद्ालय से प्र्वेश का बिना शर्त प्रस्ताव होना चाहिए ।
सफषाई मित्ों के लिए प्रधषानमंत्ी दक् योजनषा
प्रधानमंत्ी दक्ता और कुशलता सम्पन् हितग्राही ( पीएम-दक् ) योजना एक केंद्रीय योजना है । इसे 2020-21 में अनुसूचित जाति ( एससी ), अनय पिछड़ा ्वगति ( ओबीसी ), ठ्वमुकत जनजाति ( डीएनटी ), आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों ( ईडबलयूएस ), कूड़ा बीनने ्वालों सहित सफाई मित्ों आदि जैसे विभिन्न लठक्त समूहों की योगयता के सतर को बढ़ाने के उद्ेशय से शुरू किया गया था । इसका उद्ेश्य इन वर्गों के सामाजिक-आर्थिक ठ्वकास के लिए उनहें स्वरोजगार और मजदूरी-रोजगार दोनों में रोजगार योगय बनाना है ।
केनद्रीय सामाजिक नयाय ए्वं अधिकारिता राजय मंत्ी बी . एल . ्वमाति ने लोक सभा में एक प्रश्न के उत्र में बताया कि योजना के अंतर्गत ,
कोई भी ओबीसी और ईडबलयूएस उम्मीद्वार , जिनके परर्वार की ्वार्षिक आय 3.00 लाख रुपए से कम है , प्रठरक्ण प्रापत करने के लिए पात् हैं । जबकि अनुसूचित जाति / डीएनटी / कचरा बीनने ्वालों सहित सफाई मित्ों के उम्मीद्वारों के लिए कोई आय सीमा नहीं है । योजना के लिए ्वषति 2021-22 से 2025-26 तक 450 करोड़ रुपए की राशि स्वीकृत की गई है । पीएम-दक् योजना के अंतर्गत ्वषति 2024-25 के बजट अनुमान में कोई परर्वततिन नहीं किया गया है , जो 130 करोड़ रुपए था । उनहोंने बताया कि योजना का लक्य समूह के अधिकांश लोगों के पास नयूनतम आर्थिक परिसंपठत्यां हैं । इसलिए हाशिए पर पड़े इन लक्य समूहों के आर्थिक सरषकतकरण / उतथान के लिए प्रठरक्ण का प्रा्वधान और उनकी क्मताओं को बढ़ाना आ्वशयक है ।
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