Aug 2024_DA | Page 12

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प्रक्रिया के रूप में देखा जा सकता है , जिसमें गां्वों का आर्थिक , सामाजिक और राजनीतिक ठ्वकास शामिल है । आर्थिक ठ्वकास के अंतर्गत , रोजगार के अ्वसरों में ्वृद्धि , कृषि उतपादकता में सुधार और ग्रामीण उद्मों को बढ़ा्वा देना आदि प्रक्रियाएं शामिल हैं । सामाजिक ठ्वकास के अंतर्गत , शिक्ा , स्वासथय , स्वचछता और बुनियादी ढांचे तक पहुंच में सुधार करना और राजनीतिक ठ्वकास के अंतर्गत , ग्रामीण समुदायों को सशकत बनाना तथा उनहें निर्णय लेने की प्रक्रिया में शामिल करना आदि है । ग्रामीण ठ्वकास दरअसल ग्रामीण गरीबी को कम करने और जी्वन सतर को बेहतर बनाने में महत््वपूर्ण भूमिका निभाता है । ग्रामीण क्ेत् , राषटीय अर्थव्यवसथा में महत््वपूर्ण योगदान करते हैं । कृषि , ग्रामीण उद्ोग और गैर-कृषि रोजगार देश के सकल घरेलू उतपाद ( जीडीपी ) में महत््वपूर्ण हिससा रखते हैं । ग्रामीण ठ्वकास , सभी के लिए समान अ्वसर सुठनषशचत करने और सामाजिक नयाय को बढ़ा्वा देने में मदद करता है ।
ठ्वकसित भारत ’ की दिशा में ग्रामीण ठ्वकास की दृषषट से बजट की प्राथमिकताओं में कृषि में
उतपादकता और अनुकूलनीयता , रोजगार और कौशल प्रठरक्ण , समा्वेशी मान्व संसाधन ठ्वकास और सामाजिक नयाय , ठ्वठनमातिण और से्वाएं , ऊर्जा सुरक्ा , अ्वसंरचना , न्वाचार , अनुसंधान और ठ्वकास और अगली पीढ़ी के सुधार को रखा गया है । कृषि में उतपादकता और अनुकूलनीयता के लिए कृषि और इससे जुड़े क्ेत्ों के लिए 1.52 लाख करोड़ रुपए का आ्वंटन किया गया है । इसके साथ ही प्रमाण- पत् और ब्ांठडंग व्यवसथा के साथ अगले दो वर्षों में पूरे देश में एक करोड़ किसानों को प्राकृतिक कृषि से जोड़ा जाएगा । प्राकृतिक खेती के लिए 10,000 आ्वशयकता आधारित जै्व- आदान संसाधन केंद्र सथाठपत करने का निर्णय लिया गया है । साथ ही आगामी तीन ्वषति में किसानों और उनकी जमीन को शामिल करने हेतु कृषि में डिजिटल सा्वतिजनिक अ्वसंरचना ( डीपीआई ) को लागू किया जाएगा ।
ग्रामीण अर्थव्यवसथा को मजबूत करके , यानी कृषि , ग्रामीण उद्ोग और गैर-कृषि रोजगार के अ्वसरों को बढ़ा्वा देकर , सामाजिक से्वाओं में सुधार करके यानी शिक्ा , स्वासथय , और
स्वचछता जैसी बुनियादी सामाजिक से्वाओं तक पहुंच बना कर , बुनियादी ढांचे यानी ग्रामीण क्ेत्ों में सड़कों , बिजली और सिंचाई जैसी बुनियादी सुठ्वधाओं का ठ्वकास करके , कौशल ठ्वकास के माधयम से ग्रामीण यु्वाओं को सशकत बनाकर तथा ग्रामीण ठ्वकास योजनाओं और कार्यक्रमों को बनाने और लागू करने में ग्रामीण समुदायों को शामिल करके , ग्रामीण ठ्वकास को गति देने के महत््वपूर्ण प्रयास किए जा सकते हैं ।
कौशल विकरास करा सिवाधिक लराभ गरीब-दलित युिराओं को
ऐसा कहा जाता है कि ग्रामीण क्ेत् में रहने ्वाले लोगों को निर्णय लेने की प्रक्रिया में शामिल करने से उनका सशकतीकरण और सामाजिक पूंजी का निर्माण होता है । ग्रामीण क्ेत् की जनता को योजनाओं और कार्यक्रमों का प्रबंधन करने के लिए आ्वशयक कौशल और ज्ान प्रदान करना चाहिए । गां्व के लोगों को उपलबध योजनाओं और कार्यक्रमों के बारे में जागरूक करना आ्वशयक है । शिक्ा और कौशल ठ्वकास
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