April 2025_DA | Page 35

हिंदू धर्म से अलग हमो गए थे । गत वर्ष गांगड़तलाई में त्रिशूल दीषिा का कार्यक्रम हुआ था, जहां इन लमोगों ने वापस हिंदू धर्म में ललौटिने का मानस बना लिया था । आज जिस जगह पर मंदिर बन रहा है वमो चर्च थी, उसके पादरी रहे गलौतम गरासिया कमो ही अब मंदिर का पुजारी बनाया है । गलौतम गरासिया का दावा है कि उनहें सालों पहले लालच देकर धर्म बदलवा दिया था, लेकिन उन लमोगों ने हमें कुछ नहीं दिया । ऐसे में अब हम वापस हिंदू धर्म में ललौटि रहे हैं I
गांव के चर्च में किसी समय पादरी रहे गलौतम भी पुनः हिंदू धर्म में वापसी कर चुके हैं । चर्च कमो मंदिर में बदलने का काम करने वाले आदिवासी गमोत्र गरासिया से जुड़े गलौतम ने बताया कि उनहोंने तीस वर्ष पहले ईसाई धर्म अपनाया था । इसके बाद इस धर्म से जुड़े पदाधिकारी गांव में आने लगे । प्रार्थना और सभा हमोने लगी । उनके दमो बेटिे, बहुओं और अनर परिवार भी
ईसाई धर्म से जुड़े तमो उनहें पादरी बना दिया गया । लेकिन, भारत माता परररमोजना के तहत गांव के अधिकांश परिवारों ने अपने धर्म में वापसी कर ली है ।
उनहोंने बताया कि पादरी बनने के बाद उनहोंने अपनी ही जमीन पर लगभग तीन वर्ष पूर्व चर्च बनाया था । चर्च बनने के बाद धर्मसभा में अनर पादरी भी आने लगे थे । चर्च में हर रविवार कमो प्रार्थना सभा हमोती थी । उसके 45 अनर ग्ामीणों ने भी धर्म बदला और वह भी ईसाई बन गए । लेकिन पादरी गलौतम द्ारा हिंदू धर्म में वापसी करने के बाद उसके परिवार सहित तीस अनर परिवार ने भी हिंदू धर्म अपना लिया है । चर्च से मंदिर बनने पर उसके शिखर पर धार्मिक धवज कमो लहराते हुए दूर से देखा जा सकता है ।
किसी समय जिस भवन कमो गांव में चर्च के रूप में देखा जाता था, वह अब मंदिर बन गया है । मंदिर कमो भगवा रंग में रंगा गया है
और मंदिर के अंदर से ईसाई धर्म से जुड़े चिनहों कमो हटिा दिया गया है । साथ ही भगवान भैरव की प्रतिमा सथावपत करने के लिए नया चबूतरा बनाया गया है । गत 9 मार्च कमो सायंकाल मंदिर में भगवान भैरव बाबा की प्रतिमा जिले के तलवाड़ा कसबे से समोडलादूधा गांव लाई गई । प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में हिंदू धर्म में ललौटिने वाले परिवारों ने भी हिससा लिया । प्रतिष्ठा कार्यक्रम से पहले भगवान भैरव की प्रतिमा कमो विद्ा निकेतन स्कूल से शमोभायात्रा के साथ नगर भ्रमण कराया गया । इस दलौरान जगह- जगह पुष्प वर्षा कर उनका सवागत अभिनंदन किया गया । इसके बाद प्रतिमा कमो मंदिर में लाया गया और हवन-आरती के साथ सथावपत किया गया । इस अवसर पर लमोगों ने वागड़ी भजनों की प्रसतुवतरां दी । अंत में महाप्रसाद का वितरण किया गया । इस मलौके पर प्रशासन और पुलिस भी तैनात रहा ।
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