चिंतन
जाना चाहिए । राजर कमो यह तय करने का अधिकार हमोना चाहिए कि ऋणपत्रधारी कमो कब और कैसे मुआवजे के नगद भुगतान का दावा करने का अधिकार हमोगा ।
डा. आंबेडकर श्रमजीवी वर्ग के हितरषिण के प्रति पूर्णत: प्रतिबधि थे और उनहें सामाजिक सुरषिा उपलबध करवाना चाहते थे । वह दमो वायसरायों-लार्ड वेविल और लार्ड लिनलिथगमो- की कार्यकारी परिषद के सदसर थे । वायसराय की कार्यकारी परिषद में 2 सितंबर, 1945 कमो उनके द्ारा प्रसतुत श्रमिक घमोषणापत्र आगे चलकर श्रमिक कलराण रमोजना का आधार बना । उनके कार्यकाल के दलौरान ही फै्ट्री एक्ट में संशमोधन कर काम के घंटिों में कमी और श्रमिकों के लिए सवैतनिक अवकाश की वरवसथा की गई । भारतीय खान अधिनियम और खान मातृतव लाभ अधिनियम में संशमोधन कर, श्रमिकों के लिए बेहतर सुविधाएं और लाभ उपलबध करवाए गए । एक अनर महतवपूर्ण विधेयक भी पारित किया गया जमो वनरमोजन की शतगों के संबंध में था ।
परंतु डा. आंबेडकर कमो जिस चीज के लिए लंबे समय तक याद रखा जाएगा, वह था वैधानिक
कलराण कमोषों की सथापना और सामाजिक बीमा के षिेत्र में उठाए गए महतवपूर्ण कदम । डा. आंबेडकर, आधुनिक भारत के लिए एक समृधि विरासत छोड़ गए । संविधान पारित हमोने के पहले अपने आखिरी भाषण में डा. आंबेडकर ने कहा कि 26 जनवरी, 1950 से हमारे राजनीतिक षिेत्र में समानता किंतु सामाजिक और आर्थिक षिेत्र में असमानता रहेगी । जलद से जलद हमें इस विरमोधाभास कमो दूर करना हमोगा । इस तरह देखा जाए तमो एक अनुसूचित समाज के वरष्त डा. आंबेडकर ने वर्तमान भारत की नींव रखी थी ।
भारत की राजनीति में अनुसूचित जाति के नेताओं का अपना महतवपूर्ण रमोगदान रहा है । ऐसे नेताओं में सबसे पहला नाम तमो डा. आंबेडकर का लिया जा सकता है, जिनहोंने लमोकतंत्र कमो मजबूत बनाने के लिए एक ऐसे संबिधान का निर्माण किया, जमो न केवल भारत का, बषलक पूरे विशव के सर्वश्रेसठ संविधान के रूप में देखा जाता हैI भारत के आर्थिक विकास के लिए डा. आंबेडकर ने सर्वाधिक महतवपूर्ण भूमिका का निर्वाह किया था । वर्तमान भारत के आर्थिक विकास कमो उनकी समोच का ही परिणाम कहा जा सकता है ।
डा. आंबेडकर कमो एक ऐसे दलित नेता के रूप में देखा जा सकता है कि जिनहोंने सामाजिक षिेत्र में दलितों कमो ताकत देने का काम भी किया । डा. आंबेडकर के बाद कई ऐसे नेता हुए जिनहोंने अपने अपने ढंग से भारत और दलित समाज में परिवर्तन लाने में अपनी भूमिका निभाई । ऐसे नेताओं में प्रधानमंत्री नरेंद्र ममोदी का नाम भी लिया जाता है । भाजपा और भाजपा नेता नरेंद्र ममोदी के कारगों का ही नतीजा कहा जा सकता है कि वर्तमान में भाजपा के सर्वाधिक सांसद और विधायक दलित समाज से है । प्रधानमंत्री ममोदी उस सपने कमो लेकर दिन रात काम कर रहे हैं, जिससे दलित समाज की समपूण्य षसथवतरों में इस तरह का परिवर्तन किया जा सके जिससे दलित समाज कमो उनकी दर्दनाक षसथवतरों से छुटिकारा मिल सके और वह समाज में अवग्म भूमिका में आकर भारत के समग् विकास में अपनी भूमिका का निर्वाह कर सके । फिलहाल ममोदी सरकार जिस तरह से दलित समाज के विकास के लिए काम कर रही है, उससे ऐसा लगता है कि जलद ही यह सपना पूरा हमोगा और इसके बाद भारत कमो पूरे विशव का राजगुरु बनने से कमोई रमोक नहीं सकेगा I �
24 vizSy 2025