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विधानसभा में पारित करा दिया गया है । संशमोधन विधेयक के माधरम से 1999 के अधिनियम में महतवपूर्ण बदलाव किए गए हैं । राजर सरकार के अनुसार बदलाव का का उद्ेशर शासन कमो बढ़ाना, सथानीय निकायों कमो सश्त बनाना और सार्वजनिक निविदाओं में समावेशिता कमो बढ़ावा देना है । राजर सरकार के इस कदम से राजर में दमो करोड़ रुपए तक तक के सिविल कारगों और एक करोड़ रुपए तक के वसतु / सेवा ठेकों में मुषसलमों के लिए चार प्रतिशत आरषिण की वरवसथा की गई है । राजर सरकार के इस कदम कमो भाजपा ने असंवैधानिक करार देते हुए निर्णय कमो नरारालय में चुनलौती देने की घमोषणा की है । राजर के पूर्व मुखरमंत्री और लमोकसभा सांसद बासवराज बमोममई ने आरमोप लगाया है कि राजर की कांग्ेस सरकार अलपसंखरकों कमो आरषिण देकर संविधान के मूल वसधिांतों का उललंघन कर रही है । यह कदम सामाजिक अशांति पैदा करने और वमोटि बैंक कमो मजबूत करने के लिए उठाया गया है । अलपसंखरकों कमो चार प्रतिशत आरषिण देना असंवैधानिक है । कांग्ेस सरकार लमोगों कमो गुमराह कर रही है । यह मामला अब संसद तक भी पहुंच चुका है । राजरसभा में मुषसलम आरषिण कमो लेकर सतिापषि और विपषि के बीच तीखी नमोकझोंक देश में सभी ने देखी भी है ।
कई राजयों में है मुस्लमों का आरक्षण
गत वर्ष कमोलकाता उच् नरारालय ने अन्‍य पिछड़ा वर्ग श्रेणी( ओबीसी) श्रेणी में 2010 के बाद जितने भी लमोगों कमो प्रमाण पत्र जारी किए हैं, उन्‍हें रद् कर‍दिया था । कारण यह था कि राजर की ममता सरकार ने ओबीसी श्रेणी में मुषसलमों कमो आरषिण दिया था । मीडिया में आए समाचारों के अनुसार सिर्फ पषशचम बंगाल ही नहीं, केरल, तमिलनाडु, कना्यटिक( नरारालय द्ारा रमोक), तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, उत्‍तर प्रदेश, बिहार और राजसथान में मुषसलमों के लिए
आरषिण की वरवसथा असंवैधानिक रूप से की गई है । केरल में वशषिा षिेत्र में आठ प्रतिशत और नलौकरियों में दस प्रतिशत सीटिें मुषसलम समुदाय के लिए आरवषित हैं, जबकि तमिलनाडु में मुसलमानों कमो 3.5 प्रतिशत आरषिण दिया जा रहा है । तेलंगाना में मुषसलमों कमो अनर पिछड़ा वर्ग की श्रेणी में चार प्रतिशत आरषिण, आंध्र प्रदेश में सात से दस प्रतिशत, उत्‍तर प्रदेश में 28 मुषसलम जातियों कमो अनर पिछड़ा वर्ग में आरषिण दिया जा रहा है । इसी तरह बिहार, राजसथान में भी मुषसलम अनर पिछड़ा वर्ग श्रेणी में आरषिण का लाभ उठा रहे हैं । कना्यटिक में मुषसलमों के लिए आरषिण की जमो वरवसथा पहले
की गई थी, उस पर नरारालय ने रमोक लगा दी थी । लेकिन अब नए कानून के माधरम से पुनः मुषसलम आरषिण कमो लागू करने की कमोवशश की जा रही है ।
संविधान में धर्म आधारित आरक्षण का प्रावधान नहीं
भारत के संविधान में धर्म के आधार पर आरषिण देने का कमोई प्रावधान नहीं है । इसके बाद भी कना्यटिक की कांग्ेस सरकार ने सरकारी ठेकों में मुसलमानों कमो चार प्रतिशत आरषिण देने का प्रसताव पारित कर दिया है । भारतीय संविधान में जातिगत आरषिण के लिए वरवसथा करते हुए आरषिण का लाभ अनुसूचित जाति-
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