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अनय मंतरियों , सांसदों और कई अनय गणमानय वयककियों द्ारा बाबा साहेब को पुषपांजलि अर्पित करने के साथ हुआ । कायमाकम में आम जनता की सहभागिता के लिए भी रही और सैकड़ों लोगों ने डा . आंबेडकर की आदमकद प्तिमा के चरणों में अपने श्रदा सुमन अर्पित किए । इस अवसर पर 25 बौद भिक्ुओं द्ारा बौद मंरिोच्चार किया गया । साथ ही गीत एवं नाटक प्भाग के कलाकारों ने बाबा साहब को समर्पित गीतों की प्सिुि किया । दूरदशशी , समाज सुधारक , नयायविद , अर्थशासरिी और राजनीतिज्ञ डा . आंबेडकर ने भारतीय संविधान का मसौदा तैयार करने में महतवपूर्ण भूमिका निभाई और हाशिए पर रहने वाले समुदायों के हितों की वकालत की । सामाजिक नयाय , समानता और लोकतंरि पर उनके विचार आज भी पीढ़ियों को प्ेरित करते हैं ।
जानकारी हो कि डा . आंबेडकर के आदशशों और विचारधाराओं का प्चार-प्सार करने के लिए बाबासाहब जनम शताबदी समारोह समिति का गठन 1991 में किया गया था । इसकी अधयक्िा भारत के ततकालीन प्धानमंरिी ने की थी । इस समिति ने 24 मार्च 1992 को डा . आंबेडकर फाउंडेशन ( डीएएफ ) की सथापना का निर्णय लिया । डा . आंबेडकर फाउंडेशन की सथापना अखिल भारतीय सिर पर बाबासाहब के आदशशों और विचारों को कायमाकमों एवं गतिविधियों के माधयम से प्सारित करने के लिए सामाजिक नयाय एवं अधिकारिता मंरिालय के ततवावधान में एक सवायत् निकाय के रूप में की गई ।
डा . आंबेडकर राषट्रीय समारक , बाबासाहब , जो एक प्तसद समाज सुधारक , वकिा , विपुल लेखक , इतिहासकार , नयायविद् , मानवविज्ञानी और राजनीतिज्ञ थे , के जीवन , कार्य और योगदान को संरतक्ि करने एवं प्दर्शित करने के लिए समर्पित है । डीएएनएम संग्हालय में डा . आंबेडकर के जीवन से संबंधित वयककििि सामान , तसवीरें , परि और दसिावेजों का संग्ह है , जिसमें उनकी शिक्ा , सामाजिक सुधार आंदोलन और राजनीतिक करियर शामिल हैं । उनके भाषणों और साक्ातकारों को ऑडियो- विजुअल रूप में भी प्दर्शित किया गया है ।
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़
डा . बी . आर . आंबेडकर की जयंती के अवसर पर सभी साथी नागरिकों को हार्दिक बधाई । भारत के महान सपूत डा . आंबेडकर न केवल भारतीय संविधान के निर्माता थे , बकलक सामाजिक नयाय के एक चैंपियन भी थे । सामाजिक असमानताओं और भेदभाव को समापि करने की दिशा में उनके अथक प्यास पीढ़ियों को प्ेरित करते रहेंगे । उनहोंने कानून के शासन , नागरिक सविंरििा , लैंगिक समानता और हाशिए पर कसथि विशों के सशककिकरण को बढ़ावा देने वाले एक संवैधानिक ढांचे के माधयम से समतावादी भारत के निर्माण के लिए सामाजिक परिवर्तन की जिममेदारी उठाई । आइए हम डा . आंबेडकर के आदशशों को अपनाएं और एक नयायपूर्ण व नयायसंगत समाज के उनके दृकषटकोण को साकार करने की दिशा में काम करें ।
प्रधानमंत्ी नरेंद् मोदी
डा . बाबा साहब आंबेडकर पिछड़े वर्ग से जुड़े मुझ जैसे करोड़ों लोगों के लिए एक प्ेरणा हैं । उनहोंने हमें दिखाया है कि आगे बढ़ने के लिए यह जरुरी नहीं है कि बड़े या किसी अमीर परिवार में ही जनम हो , बकलक भारत में गरीब परिवारों में जनम लेने वाले लोग भी अपने सपने देख सकते हैं , उन सपनों को पूरा करने का प्यास कर सकते हैं और सफलता भी प्ापि कर सकते हैं । हां , ऐसा भी हुआ जब बहुत से लोगों ने डा . बाबा साहब आंबेडकर का मजाक भी उड़ाया । उनहें पीछे करने की कोशिश की , हर संभव प्यास किया कि गरीब और पिछड़े परिवार का बेटा आगे न बढ़ पाए , कुछ बन न पाए , जीवन में कुछ हासिल न कर पाए । लेकिन नयू इंडिया की तसवीर बिलकुल अलग है । एक ऐसा इंडिया जो आंबेडकर का है , गरीबों का है , पिछड़ों का है । आज जब देश में मेक इन इंडिया का अभियान सफलतापूर्वक चल रहा है तो डा . आंबेडकर जी ने इंडकसट्रयल सुपर पावर के रूप में भारत का जो सपना देखा था , उनका ही विजन आज हमारी प्ेरणा है । डा . बाबा साहब आंबेडकर ने भारत के शहरीकरण पर भरोसा किया । उनके इस विजन को आगे बढ़ाते हुए आज देश में समाट्ट सिटी मिशन और अर्बन मिशन की शुरुआत की गई । बाबा साहब का सेलि रिलायंस आतम निर्भरता में दृढ़ विशवास था । आज मुद्रा योजना , सटाट्टअप इंडिया , सटैंड अप इंडिया हमारे युवा इनोवेटर्स , युवा इंटरप्नेवर्स को जनम दे रही है । मैं ककृिज्ञ राषट्र की तरफ से , सभी देशवासियों की तरफ से बाबा साहब को आदरपूर्वक श्रदांजलि अर्पित करता हूं ।
6 vizSy 2024