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के जरीवाल सरकार के एकमात् दलित मंत्ी ने दिया इस्तीफा
की अरविंद केजरीवाल सरकार
में मंरिी राजकुमार आनंद ने अपने पद दिलली
से इसिीिा दे दिया है । वह दिलली सरकार में दलित वर्ग के एकलौते मंरिी थे । इसिीिा देने के बाद उनहोंने आम आदमी पाटशी को भ्रषट बताया । लोकसभा चुनाव से ठीक पहले दिलली सरकार की कैबिनेट में इकलौते दलित मंरिी आनंद के इसिीिे से आम आदमी पाटशी को बडा झटका लगा है । इसके बाद भी पाटशी के नेताओं का मानना है कि यह एक अपवाद है । लेकिन दस वर्ष में यह पहला अवसर है , जबकि कैबिनेट के किसी सदसय ने मंरिी पद के साथ ही पाटशी भी छोडी और तयािपरि देते हुए पाटशी के कामकाज पर भी सवाल उठाए हैं । राजकुमार आनंद केजरीवाल सरकार में समाज कलयाण मंरिालय संभाल रहे थे ।
जनता के बीच आम आदमी पाटशी को कट्टर ईमानदार बताने की जारी मुहिम के बीच पाटशी के सवदेसर्वा एवं दिलली की मुखयमंरिी अरविंद केजरीवाल , उप मुखयमंरिी मनीष सिसोदिया सहित कई नेता तिहाड़ जेल में हैं । इन सभी पर भ्रषटाचार के गंभीर आरोप हैं । प्वर्तन निदेशालय एवं केंद्रीय जांच बयूरो द्ारा जारी जांच में सामने आए िरयों एवं सबूतों को नयायालय ने भी गंभीरता से लिया है । भ्रषटाचार के गंभीर आरोपों से पाटशी के कई नेता भी संदेह के घेरे में हैं , जिनकी जांच की जा रही है । लगभग दो वर्ष से आम आदमी पाटशी के नेताओं की सबसे बडी चुनौती पूरी पाटशी को एकजुट रखने और भ्रषटाचार के आरोपों से सवयं को मुकि करने की है । लेकिन पाटशी के तमाम नेता अब जनता द्ारा उठाए जा रहे प्श्नों का उत्र देने में सवयं को असहाय महसूस करने लगे हैं । इसी का परिणाम आप सरकार के एकमारि दलित
कैबिनेट मंरिी आनंद के इसिीिे के रूप में देखा जा सकता है ।
पाटशी के लिए चिंता इसलिए भी है , कयोंकि आनंद ने इसिीिा देने से दो घंटे पहले तक इस तरह का कोई संकेत नहीं दिया था । इसिीिा देने के बाद राजकुमार आनंद ने कहा कि आम आदमी पाटशी में दलित विधायकों या पार्षदों का कोई सममान नहीं होता है । दलितों को प्मुख पदों पर जगह नहीं दी जाती है । वह बाबा साहब आंबेडकर के सिदांि पर चलने वाला वयककि हैं । अगर दलितों के लिए ही काम नहीं कर पाया तो फिर पाटशी में रहने का कोई मतलब नहीं हैI
उनहोंने कहा कि वह दिलली सरकार में मंरिी थे और उनके पास सात विभाग थे । वह जब राजनीति में आए थे , उस समय अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि राजनीति बदलेगी तो देश बदलेगा । लेकिन आज अिसोस के साथ कहना पड रहा है कि राजनीति तो नहीं बदली , लेकिन राजनेता बदल गए । आम आदमी पाटशी
का जनम भ्रषटाचार के ख़िलाि आंदोलन से हुआ था , लेकिन आज यह पाटशी ख़ुद भ्रषटाचार के दलदल में िूंस चुकी है । इसलिए मंरिी पद पर रहकर इस सरकार में काम करना उनके लिए असहज हो गया । वह इस पाटशी , सरकार और अपने मंरिी पद से इसिीिा दे रहा हैं कयोंकि वह इन भ्रषट आचरणों में अपना नाम नहीं करवाना चाहता । उनहें नहीं लगता है कि उनके पास शासन करने की कोई नैतिक ताक़ि बची हैI
उनहोंने कहा कि बाबा साहब आंबेडकर ने पे बैक टटू सोसाइटी का मंरि दिया था , उसी की वजह से वयापारी होते हुए भी वह पहले एनजीओ में आए और फिर जन प्तिनिधि एवं मंरिी बने ताकि लोगों की सेवा हो । वह आम आदमी पाटशी और अरविंद केजरीवाल के साथ खड़े हुए , जो बाबा साहब के आदशशों पर चलने की बात करते हैं , बाबा साहब की िोटो हर प्ेस कॉनि़्ेनस , हर सरकारी दफ़िर पर लगाते हैं , लेकिन केवल बात ही होती है । लेकिन अब वह सवयं को पाटशी से अलग कर रहे हैं ।
राजकुमार आनंद के पाटशी छोड़ने को लेकर पाटशी के सांसद संजय सिंह और मंरिी सौरभ भारद्ाज ने कोई सपषट उत्र नहीं दिया । साथ ही दावा किया है कि पाटशी एकजुट है और एकाध लोग डर जाते हैं लेकिन बाकी लोग एकजुट हैं जानकारी हो कि राजेंद्र पाल गौतम के इसिीिे के बाद 022 में राज कुमार आनंद को केजरीवाल सरकार में मंरिी बनाया गया था । उस दौरान समाज कलयाण विभाग संभाल रहे राजेंद्र पाल गौतम ने कथित तौर पर धार्मिक भावनाएं भडकाने के आरोपों के बीच अपने पद से इसिीिा दे दिया था । राजकुमार आनंद के ठिकानों पर पिछले साल नवंबर में प्वर्तन निदेशालय की तरफ से 22 घंटे तक छापेमारी की गई थी । �
50 vizSy 2024