April 2024_DA | Page 27

महिला सशक्तिकरण
डा . अंबेडकर का दृढ विशवास था कि महिलाओं की उन्नति तभी संभव होगी जब उनहें घर परिवार और समाज में सामाजिक बराबरी का दर्जा मिलेगाI बबाबासाहब ने संविधान मे महिलाओं को सारे अधिकार दिए लेकिन वह लोगों की मानसिकता को नहीं बदल पाए । और फिर महिलाओं के लिए कांतिकारी सुधार का बीड़ा प्धानमंरिी मोदी ने उठाया । कया आपने कभी ऐसा सुना है कि किसी बड़े परिवार में कनया को गर्भ में मार दिया जाता हो ? कया किसी बड़े परिवार की बेटी अतशतक्ि रह जाती है या फिर उसका विवाह सिर्फ इसलिए दहेज के कारण नही हो पाता है ? लेकिन गरीब और दलित परिवार में जनम लेने वाली कनया को ही यह सब विशों में भुगतना पड़ता था । लेकिन प्धानमंरिी नरेंद्र मोदी ने गरीब और दलित समाज में पैदा होने वाली कनयाओं के बेहतर भविषय के लिए बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान शुरू किया और इस अभियान के माधयम से जनता
की सोच में परिवर्तन की एक नयी लकीर खींच दी ।
जनता की सोच में आये परिवर्तन से जहां गर्भ में कनया को मार देने की प्वृतत् पर लगाम लगी , वहीं बेटियों की शिक्ा और विवाह में होने वाले खर्च के लिए सुकनया योजना , मील का पतथर साबित हो रही है । देश के जिलों में बालक-बालिका अनुपात में उललेखनीय परिवर्तन आया है । इसी तरह दलितों और गरीब महिलाओं के लिए मोदी सरकार कई योजना लायी , जिसका लाभ पूरे देश को मिल रहा है ।
प्रगति पथ पर बढ़ता भारत
गरीब , दलित , पिछड़े एवं वंचित वर्ग के उतथान के लिए मोदी सरकार के पिछले दस विशों के प्यासों पर नजर डालने से प्िति की तसवीर दिखती है । पिछले दस विशों के दौरान दृकषटकोण में उललेखनीय बदलाव आया है और वह अलपकालिक उपायों के बजाय दीर्घकालिक सशककिकरण एवं टिकाऊ प्भाव के लिए दूरदशशी
दृकषटकोण पर केंद्रित हो रहा है । इस बदलाव को कई प्भावशाली योजनाओं के माधयम से सपषट रूप में देखा जा सकता है । इसने देश भर में समावेशी विकास एवं मानव विकास के लिए और अंततः 2047 तक भारत को एक विकसित देश बनाने के लिए एक ठोस नींव रखी है । सवच् भारत मिशन का सवच्िा पर परिवर्तनकारी प्भाव से लेकर सभी को सवच् पेयजल उपलबध कराने के जल जीवन मिशन के वादे के साथ हर मोचदे पर सरकार ने महतवपूर्ण बुनियादी ढांचे के निर्माण पर धयान केंद्रित किया है , ताकि लोगों को सशकि बनाया जा सके ।
कुछ चुनौतियों के बावजूद सरकार के इन कायमाकमों का करोड़ों लोगों के जीवन पर तनकशचि रूप से सकारातमक प्भाव पडा है । इन योजनाओं ने न केवल गरीबी और कठिनाइयों को दूर करने में मदद की हैं , बकलक लोगों को बडे सपने देखने और उज्वल भविषय के लिए प्यास करने के लिए भी सशकि बनाया है । इन कलयाणकारी योजनाओं की बदौलत गरीबी के चक से मुकि होने वाले असंखयक लोगों की कहानियां अच्ी तरह से डिजाइन किए गए उपायों की परिवर्तनकारी ताकत के प्माण हैं ।
मोदी सरकार के विकासवादी एजेंडा और भारत की सकारातमक रूप से रही बदल दिशा- दिशा को देखकर भाजपा के विरोधी राजनीतिक दल और उनसे जुड़े सवाथशी ततव सकते की हालत में हैं । उनहें समझ नहीं आ रहा है कि सबका साथ-सबका विकास के नारे का जवाब कैसे दिया जाए ? इसके लिए वह एक बार फिर ' फूट डालो-राज करो ' वाली उसी रणनीति को अपना रहे है , जिसके पीछे अपने सवाथमा-हितों को पोषित करने के लिए सत्ा को हासिल को करने का लक्य हैI अपने लक्य को हासिल करने के लिए पूरा विपक् जहां झूठ और भ्रामक िरयों का सहारा लेकर जाति , वर्ग , संप्दाय के नाम पर दलितों , वंचितों और गरीबों को फिर बांटने के लिए पूरी ताकत लगा रहा हैI सत्ा हासिल करने के लिए विपक् द्ारा समाज को बांटने और दुराग्हपूर्ण वातावरण बनाने की कोशिशों को गंभीरता से समझना होगा । �
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