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वयककियों एवं समुदायों को गरीबी एवं उपेक्ा के चक में िूंसा सकती हैं । इससे निपटने के लिए अच्ी तरह से निर्धारित की गई नीतियों और योजनाओं की परिवर्तनकारी शककि की जरूरत दिखती है । यह खाई को पाटने के लिए एक पुल के रूप में कार्य करती है , सभी के लिए समान अवसर प्दान करती है और हर किसी को न केवल जीवित रहने , बकलक आगे बढ़ने के लिए सशकि बनाती है । व्यवस्था संबंधी इन्हीं बाधाओं को दूर करने के लिए मोदी सरकार ने गत दस विशों में विभिन्न नीतियों और योजनाओं को लागू किया है । इन कायमाकमों ने समाज के सबसे कमजोर विशों को लतक्ि करते हुए उनहें गरीबी के चक से मुकि होने और देश के विकास में सतकय योगदान करने के लिए सशकि बनाने पर धयान केंद्रित किया है । इसके साथ ही गरीब , दलित , पिछड़ा एवं वनवासी वर्ग के जीवन एवं आजीविका में सुधार के लिए समर्पित और निरंतर प्यास किए गए हैं ।
गरीबों को बैंक तक पहुंचाया
देश में बहुत कम लोग को यह पता होगा कि भारतीय रिजर्व बैंक की सथापना में बाबा साहब अंबेडकर का विशेष योगदान था । भारतीय रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया की सथापना जब 1अप्ैल 1935 में हुई थी , उस वकि केंद्रीय बैंक की सथापना का विचार सबसे पहले डा . आंबेडकर के मकसिषक में आया था । अंग्ेज सरकार द्ारा गठित हिलटन यंग कमीशन के समक् जब डा . साहब ने अपना विचार दिए तो उसी के आधार पर 1934 में भारत के रिजर्व बैंक को बनाया गया । रिजर्व बैंक की सथापना करने वाले डा . आंबेडकर का सपना था कि भारत के हर गरीब , दलित और वंचित जनता को इतना सक्म बनाया जाए जिससे वह बैंक में अपना खाता खोल कर , बैंतकूंि सुविधाओं का लाभ उठा सके । लेकिन बाबा साहब का यह सपना सविंरििा के 65 वर्ष तक पूरा नहीं हो पाया । बाबा साहब की विरासत का दावा करने वाली कांग्ेस और उसके सहयोगियों ने कभी भी यह धयान नहीं दिया कि बैंक की
सुविधाएं गरीब , दलित और वंचित वर्ग की जनता को भी मिलनी चाहिए ।
2014 में जब प्धानमंरिी मोदी ने सत्ा संभाली तो उनहोंने सबसे पहले गरीब , दलित और वंचित वर्ग को बैंक में खाता खोलने के लिए अभियान शुरू किया । जन धन योजना के नाम से शुरू की गयी योजना के तहत बैंक के दरवाजे पहली बार गरीब जनता के लिए खोले गए और पांच साल के बाद जनधन योजना के तहत देश भर में पिछले पांच साल के दौरान 34 करोड़ से अधिक बैंक खाते खुलवा के मोदी सरकार ने पूरी दुनिया को हैरत में डाल दिया । जनधन योजना ने एक सपिाह में सबसे अधिक
1,80,96,130 बैंक खाते खोलने के लिए गिनीज वलड्ट रिकॉर्ड भी बनाया । यह सब प्धानमंरिी मोदी की प्ेरणा तथा जनता और सरकारी मशीनरी को प्ोतसातहि करने की उनकी शककि द्ारा संभव हुआ । 51.74 करोड़ भारतीयों को जनधन खाते के माधयम से बैंतकूंि सेवाएं मुहैया कराई गई , जिसने भ्रषटाचार को रोकने में बडी भूमिका निभाई । अब डायरेकट बेनीफिट ट्रांसफर्स के रूप में सकबसडी सीधे बैंक खातों में जमा कराई जा सकती है । इससे लीकेज और किसी हेराफेरी की गुंजाइश खतम हुई है । गत दस विशों के दौरान 34 लाख करोड़ रुपए से अधिक की धनराशि सीधे लाभार्थियों के बैंक खाते में भेजी
22 vizSy 2024