April 2023_DA | Page 8

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दलित , आर्य समाज और राजनरीति

डॉ . राकेश कुमार आर्य

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लितों की राजनीति करने वाले बहुत से दल देश में हैं । इनमें से देश की सबसे पुरानी राजनीतिक प्टटी कांग्ेस ने दलितों के नाम पर राजनीति तो की , पर उनके लिए सामाजिक सुरक्् उपल्ध नहीं कराई , जो एक देश के नागरिकों को उपल्ध होनी चाहिए । कांग्ेस के शासनकाल में देश के दलित समाज के साथ वही कुछ होता रहा जो आजादी से पहले होता रहा था । बसपा
जैसी प्टटी तो केवल दलितों की राजनीति के नाम पर ही सत्् का ्ि्द ले चुकी है । यह बहुत ही दुर्भागयपूर्ण है कि दलितों के लिए राजनीति करने वालों ने भी उनके कलय्ण की योजनाओं को बनाने का काम नहीं किया । बसपा के शासनकाल में दूसरी जातियों के लोगों के साथ कई प्रकार के अतय्चार हुए और दलित समाज के लोगों ने गलत ढंग से प्राथमिकी दर्ज करा कराकर समम्वरत लोगों को अपमानित करने की प्रवरिया को तेजी से चलाया । जिस पर
बसपा की नेता मायावती का भी खुला समर्थन उनहें मिलता रहा । प्रतिशोध की इस भावना से समाज में लोगों में जातिगत दूरियां बढ़ीं और एक नई विसंगति ने जनम लिया । जिसके परिणाम्िरूप बसपा को लोगों ने सत्् से चलता कर दिया । बसपा ने भी केवल सत्् ्ि्र्थ ही देखा और दलितों के कंधों को प्रयोग करके अपनी राजनीतिक ्ि्र्थपूवत्ति की । बसपा की नेता मायावती ने भी अपने दलित भाइयों को केवल अपने ्ि्र्थ के लिए प्रयोग किया । कहने
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