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डॉ . आम्ेडकर के बाद जिन्ा का थामा हाथ
जकोगेंद्र नाथ मंडल ने बाबा साहब भीमरा्व अंबेडकर के साथ मिलकर अनतुरूचित जाति संघ कको पूर्वी बंगाल में सथातपत किया । उस समय पूर्वी बंगाल की राजनीति में दलित और मुस्लिम समतुदाय का ्वच्सस्व था । मंडल ने सांप्दायिक मामलों पर कांग्ेर और मुस्लिम लीग के बीच अतयतिक राजनैतिक अंतर पाया । जब 1946 में सांप्दायिक दंगे फैल गए तब जिन्ा के कहने पर उनहोंने पूर्वी बंगाल के सभी
क्ेत्रों में यात्रा किया और दलितों कको मतुरिमानों के खिलाफ हिंसा में भाग न लेने के लिए तैयार किया । उनहोंने दलितों कको समझाया कि मुस्लिम लीग के साथ त्व्वाद में कांग्ेर के िकोग दलितों कको इसतेमाल कर रहे हैं ।
असम के सयलहेट को जोडा पाकिस्तान में
जब पाकिसतान बना तको मंडल के कहने पर लाखों दलित पाकिसतान चले गये क्योंकि मंडल कको त्वश्वास था कि मतुरिमान उनका साथ देंगे और उनहें अपनाएंगे लेकिन उनके साथ क्या
हतुआ , इसे जानना और समझना बहतुत जरूरी है , 1946 में अंतरिम सरकार बनी तको कांग्ेर और मुस्लिम लीग ने अपने प्तिनिधियों कको मंत्री पद के लिए चतुना और मुस्लिम लीग ने जकोगेंद्र नाथ मंडल का नाम भेजा । पाकिसतान बनने के बाद मंडल कको कानून और श्म मंत्री बनाया गया क्योंकि ्वह मतुहममद अली जिन्ा के बहतुत करीबी थे और असम के सयलहेट कको पाकिसतान में मिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाया था । 3 जून 1947 की घकोरणा के बाद असम के सयलहेट कको जनमत संग्ह से यह तय करना था कि ्वको पाकिसतान का हिसरा बनेगा या भारत का । उस इलाके में हिंदू मुस्लिम की संखया बराबर थी । जिन्ा ने उस इलाके में मंडल कको भेजा और मंडल ने ्वहां दलितों का मत पाकिसतान के पक् में झतुका दिया जिसके बाद सयलहेट पाकिसतान का हिसरा बना जको आज बांगिादेश में है ।
पाकिस्तान ने तोडा मंडल का भ्रम
पाकिसतान निर्माण के कुछ ्वक्त बाद ही गैर मुस्लिमको कको निशाना बनाया जाने लगा । हिन्दुओ के साथ लूटमार , बलातकार की घटनाएँ सामने आने लगी । मंडल ने इस त्वरय पर सरकार कको कई खत लिखे लेकिन सरकार ने उनकी एक न रतुनी । जकोगेंद्र नाथ मंडल कको बाहर करने के लिये उनकी देशभक्ति पर संदेह किया जाने लगा । मंडल कको इस बात का एहसास हतुआ कि जिस पाकिसतान कको उनहोंने अपना घर समझा था अब ्वह उनके रहने लायक नहीं है । मंडल बहतुत आहत हतुए क्योंकि उनहें त्वश्वास था पाकिसतान में दलितों के साथ अनयाय नहीं हकोगा । लगभग दको साल में ही दलित-मुस्लिम एकता का मंडल का खबाब टूट गया । जिन्ा की मौत के बाद मंडल 8 अक्टूबर , 1950 कको लियाकत अली खां के मंत्री मंडल से तयाग पत्र देकर भारत आ गये ।
इस्तीफे में किया धोखे का पर्दाफार् जकोगेंद्र नाथ मंडल ने अपने खत में मुस्लिम
लीग से जुड़ने और अपने इसतीरे की ्वजह कको सप्ट किया । मंडल ने अपने खत में लिखा , “ बंगाल में मुस्लिम और दलितों की एक जैसी हालात थी , दकोनों ही पिछड़े और अतशतक्त थे । मतुझे आश्वसत किया गया था मुस्लिम लीग के साथ मेरे सहयकोग से ऐसे कदम उठाये जायेंगे जिससे बंगाल की बड़ी आबादी का भला हकोगा और हम सब मिलकर ऐसी आधारशिला रखेंगे जिससे सामप्दायिक शांति और सौहादर्य बढ़ेगा । इनही कारणों से मैंने मुस्लिम लीग का साथ दिया । 1946 में पाकिसतान के निर्माण के लिये मुस्लिम लीग ने ‘ डायरेक्ट एक्शन डे ’ मनाया था । जिसके बाद बंगाल में भीषण दंगे हतुए । कलकत्ा के नकोआखली नरसंहार में हजारों हिंदतुओं की हतयाएं हतुई , सैकड़ों ने इसिाम कबूल लिया । हिंदू महिलाओं का बलातकार और अपहरण किया गया । इसके बाद मैंने दंगा प्भात्वत इलाकों का दौरा किया । मैने हिंदतुओं के भयानक दतुाःख देखे फिर भी मैंने मुस्लिम लीग के साथ सहयकोग की नीति कको जारी रखा ।" 14 अगसत 1947 कको पाकिसतान बनने के बाद मतुझे मंत्रीमंडल में शामिल किया गया । मैंने ख्वाजा नजीममतुद्ीन से बात कर ईसट बंगाल की कैबिनेट में दको पिछड़ी जाति के िकोगको कको शामिल करने का अनतुरकोि किया । उनहोंने मतुझसे ऐसा करने का ्वादा भी किया लेकिन इसे टाल दिया गया जिससे मै बहतुत हताश हतुआ ।"
दलितों पर हुए अत्ािार से हतार्
मंडल ने अपने तयाग पत्र में पाकिसतान में दलितों पर हतुए अतयाचार की कई घटनाओं तजक किया , उनहोंने लिखा , “ गकोपालगंज के पास दीघरकुल में एक मुस्लिम की झूठी शिकायत पर सथानीय नामशूद्र परर्वारों के साथ कूर अतयाचार किया गया । पतुतिस के साथ मिलकर सथानीय मतुरिमानों ने नामसूद्र समाज के िकोगको कको पीटा और घरों कको लूटा । एक गभ्स्वती महिला की इतनी बेरहमी से पिटाई की गयी कि उसका मौके पर ही गर्भपात हको गया , तनदवोर हिंदतुओं त्वशेष रूप से पिछड़े
uoacj 2021 दलित आं दोलन पत्रिका 49