doj LVksjh
त्वचार-त्वमर्श शतुरू हको गया है । संकेत यह दिया जा रहा है कि पाटटी की टरॉप लीडरशिप कको भी लगता है कि इस सलाह में कहीं न कहीं दम है । पाटटी के एक ्वरर्ठ नेता ने रा्वत की ओर से छोड़े गए शगूफे कको दमदार ठहराने के प्यासों के तहत यह समझाने की ककोतशश की है कि- ' हम अभी किसी अंतिम तन्कर्ष पर नहीं पहतुंचे हैं , पहतुंचना इतना आसान भी नहीं है लेकिन तककेट मैच में आजमाया हतुआ नतुसखा है कि जब नियमित बरॉिर त्वकेट नहीं ले पा रहे हकोते हैं तको चततुर क्तान किसी अनियमित बरॉिर कको मौका दे देता है और त्वकेट ले लेता है । उसके बाद मैच का रुख बदल जाता है ।'
देवभूमि के दलित
समीकरण पर टिकी नजरें
सच्ाई यही है कि साधारणतया उत्राखंड कको र्वण्स प्भतुत्व ्वाले राजय के रूप में देखा जाता है । यहां जितने भी मतुखयमंत्री हतुए ्वे सभी र्वण्स ्वग्स से ही हतुए हैं , ्वह चाहे बीजेपी के रहे हों या कांग्ेर के । लेकिन राजय की आबादी में
हिसरेदारी पर गौर करें तको यहां दलित आबादी कम नहीं है । सरकारी आंकड़ों के अनतुरार राजय की दलित आबादी 18.50 प्तिशत से अधिक है । उसी के अनतुरूप राजय की 70 त्विानसभा सीटों में 13 सीटें अनतुरूचित जाति ्वग्स के लिए आरतक्त हैं । राजय बनने के बाद से हतुए चतुना्वी नतीजों पर नजर डालें तको बीएसपी यहां 2002 , 2007 , 2012 चतुना्व में लगातार 11 से 12 प्तिशत ्वकोट पाती रही है । माना जाता रहा है कि उसके इस ्वकोट में बड़ा हिसरा दलित समाज का ही रहा है । हालांकि आबादी में दलित समाज की इतनी बड़ी हिसरेदारी के बा्वजूद दलितों की पाटटी कहलाने में ग्व्स महसूस करने्वाली बीएसपी यहां बहतुत जयादा सीटें जीतने या सत्ा की चाबी हथियाने में कभी कामयाब नहीं रही । ्वह 3 से 8 सीट तक ही जीती । 2014 से देश की राजनीति में जको बदला्व हतुआ , उसका असर उत्राखंड की राजनीति पर भी पड़ा । 2017 के चतुना्व में दलित ्वकोटर्स का बड़ा हिसरा बीजेपी के साथ चला गया और बीएसपी का ्वकोट सिर्फ सात प्तिशत पर ही सिमट कर रह गया ।
बडे फायदे के लिए फें का गया ' दलित कार्ड '
उत्राखंड में आम आदमी पाटटी की भी एंट्ी हको रही है । कहा जा रहा है कि ्वह जितना नतुकसान बीजेपी का करेगी , उससे कही जयादा कांग्ेर का ही करेगी । ऐसे में कांग्ेर कको आम आदमी पाटटी के जरिए हकोने ्वाले नतुकसान की भरपाई के लिए अतिरिक्त ्वकोट की जरूरत हकोगी । उधर बीएसपी ने इस बार दलित + मतुरिमान का कार्ड खेला हतुआ है । राजय में करीब 14 प्तिशत मुस्लिम ्वकोट हैं जकोतक कांग्ेर के साथ जाते रहे हैं । बीएसपी के दलित + मुस्लिम कार्ड से भी कांग्ेर के ्वकोट बैंक में सेंध लगने का खतरा है । ऐसे में कांग्ेर कको यह लगता है कि अगर ्वह एकमतुशत 19 प्तिशत दलित ्वकोट के साथ चतुना्व मैदान में दां्व लगाती है तको यह कहीं जयादा फायदेमंद रहेगा । इस दां्व के पीछे कांग्ेर की आंतरिक राजनीति भी काम कर रही है । हरीश रा्वत कको अभी तक कांग्ेर नेतमृत्व इस ्वजह से
मतुखयमंत्री का उममीद्वार घकोतरत नहीं कर पाया है , क्योंकि दूसरा गतुट उनका त्वरकोि कर रहा है । प्ीतम सिंह हरीश रा्वत कको सीएम के रूप में नहीं देखना चाहते । ऐसे में अपने नाम कको मजबूती देने से त्व्वाद बढ़ने की आशंका कको देखते हतुए सियासत के माहिर खिलाड़ी हरीश रा्वत ने दलित सीएम की मांग कर सबकको चौंका दिया है । रा्वत की इस मांग कको इस लिए भी महत्वपूर्ण माना जा सकता है क्योंकि कांग्ेर आलाकमान भी इन दिनों रा्ट्ीय सतर पर दलित एजेंडा सेट करने की जतुगत करने में है ।
र्ुरू हो गई दलित चेहरों की दावेदारी
राजय में कांग्ेर के पास इस ्वक्त सबसे बड़ा दलित चेहरा प्दीप टमटा हैं , जको राजयरभा सदसय हैं । इसके अला्वा पाटटी के राजय कार्यकारी अधयक् िरॉ . जीत राम भी दलित ही हैं । कभी यशपाल आर्य राजय में कांग्ेर के सबसे बड़े दलित नेता हतुआ करते थे लेकिन ्वह बीजेपी में थे । लेकिन कांग्ेर में दलित राजनीति का उज्ज्वि भविष्य और भाजपा में हको रही अपनी कथित उपेक्ा कको देखते हतुए यशपाल ने भविष्य में बड़ा ईनाम पाने की लालसा के साथ घर ्वापसी कर ली है । हालांकि प्दीप टमटा कको हरीश रा्वत का करीबी माना जाता है । इसी ्वजह से यह भी कहा जा रहा है कि हरीश रा्वत ने दलित सीएम का दां्व इसलिए चला है कि अगर उनहें यह पद नहीं मिलता है तको उनके किसी करीबी के पास ही यह पद बना रहे । लेकिन बड़ा र्वाल यही है कि कांग्ेर ने दलितों कको साधने के लिए शगूफा छोड़ा है या ्वाकई दलितों कको आगे बढ़ने का मौका देने कको लेकर ्वह गंभीर है ? फिलहाल पसथति यही है कि दलित एजेंडे कको आगे बढ़ाए जाने की भनक लगते ही कांग्ेर के भीतर ' सूत न कपास , जतुिाहों में लट्ठमलट्ठा ' की पसथति बनने लगी है । यानी जिस गतुटबाजी से बचने के लिए बीच का रासता निकालने की ककोतशश हतुई ्वही प्यास पाटटी के गले की फांस बन जाए तको ककोई आशचय्स की बात नहीं हकोगी । �
uoacj 2021 दलित आं दोलन पत्रिका 27