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ऐसा नहीं है जहां दलित समाज के िकोग पूरी तरह महफूज हों । आए दिन किसी ना किसी इलाके से दलित समाज के िकोगों पर हकोने ्वाले अतयाचार की खबरें सामने आ रही हैं । मसलन हनतुमानगढ़ की ही तरह का मामला जािकोर से भी सामने आया है जहां दलित यतु्वक की बेरहमी से पिटाई का ्वीडियको ्वायरल हतुआ है । इस दबे-कुचले समाज के साथ ऐसे अतयाचार की एक-दको नहीं दजनों ्वारदातें तकरीबन हर महीने सामने आ रही हैं जको प्देश में दलित समाज पर हको रही बर्बरता की कहानी कहती हैं । हनतुमानगढ़ के बाद जािकोर में दलित के साथ बेरहमी से पिटाई का ्वीडियको ्वायरल हतुआ है । अि्वर , झाला्वाड़ और नागौर भी ऐसी शर्मनाक ्वारदात हतुई हैं । लेकिन बड़ा र्वाल यह पूछा जा रहा है कि ऊना कांड पर ब्वाल मचाने और लखीमपतुर खीरी मामले में पैदल मार्च , मौन जतुिूस निकालने ्वाली कांग्ेर अभी तक चतुप क्यों है ? इस र्वाल का ज्वाब भारती जनता पाटटी के एसएसी मकोचा्स के प्देश अधयक् कैलाश मेघ्वाल देते हैं । ्वको कहते हैं कि कांग्ेर कको कभी दलित की चिंता रही ही नहीं । कांग्ेर के लिए दलित महज ्वकोट बैंक मात्र रहा है । ऐसा नहीं हकोता तको क्या कांग्ेर और कांग्ेर की सरकार दलितों की चिंता नहीं करती । मेघ्वाल कहते हैं कि हनतुमानगढ़ में दलित यतु्वक की हतया के बाद कांग्ेर सरकार ने ककोई राहत पैकेज नहीं दिया , न ककोई नतुमाइंदा मिलने या सांत्वना देने पहतुंचा । इसी प्कार बीजेपी प्रवक्ता रामलाल शर्मा का कहना है कि प्देश में दलितों के खिलाफ अपराध बढ़ रहे हैं । दलितों की हतया और मारपीट के 12 से जयादा मामले एक महीने में सामने आए हैं । लेकिन राजसथान सरकार दलितों पीड़ितों कको इंसाफ दिलाने के बजाय लखीमपतुर खीरी पर सियायत में वयसत है ।
मामलों पर लीपापोती कर रही कांग्रेस
जहां एक ओर राजसथान में दलित समाज पर हकोने ्वाले जतुलमों की इंतहा हकोती दिख रही है ्वहीं दूसरी ओर जिस सत्ािारी कांग्ेर पर
पसथति कको संभालने और रतुिारने की जिम्मेवारी है ्वह मामलों कको राजनीतिक रंग देने और लीपापकोती करके मामलों की गंभीरता कको कम करने का हर हथकंडा अपना रही है । मतुखयमंत्री गहिकोत की मानें तको भाजपा शासित राजयों में सामने आ रहे दलित उतपीड़न के मामलों से िकोगों का धयान हटाने के लिए भाजपा द्ारा बे्वजह राजसथान में हकोने ्वाली छिटपतुट घटनाओं कको बढ़ा चढ़ाकर बताया जा रहा है । राजसथान में दलितों की रतुि लेने के लिए कांग्ेर के शीर्ष नेताओं के नहीं आने कको भी गहिकोत ने जायज ठहराते हतुए कहा है कि आखिर राहतुि गांधी या तप्यंका गांधी ्वाड्ा कको यहां आने की जरूरत ही क्या है । यहां तको उनकी ही सरकार है । ्वे जाएंगे भी तको त्वरकोतियों द्ारा शासित राजयों में िकोगों कको इंसाफ दिलाने के लिए जाएंगे । गहिकोत की नजर में राहतुि तप्यंका के राजसथान नहीं आने के बारे में पूछा जाना ही बेततुका है । इसी तर्ज पर कांग्ेर प्रवक्ता िरॉ . अर्चना शर्मा ने भी प्देश सरकार की रीति — नीति पर उठ रहे र्वालों और उस पर लग रहे तमाम
आरकोपों कको सिरे खारिज किया है । उनका कहना है कि दलितों पर अतयाचार बीजेपी की सरकार में अधिक हकोता था , और नयाय मिलने की ककोई संभा्वना भी नहीं हकोती थी । अब ऐसी घटनाओं पर सरकार त्वरित कार्स्वाई करती है । त्वशेषकर महिला और दलित पर अतयाचार कको रकोकने के लिए प्रावधान किए गए हैं । बीजेपी लखीमपतुर खीरी मामले पर पर्दा डालने के लिए ऐसा सब कर रही है । हनतुमानगढ़ मामले में हमने ततकाि कार्स्वाई करते हतुए पांच आरकोतपयों कको गिरफतार किया गया है ।
सरकारी आं कडे बयां कर रहे भयावह हालात
पिछले महीने राजसथान में अनतुरूचित जाति के िकोगों पर हतुए अतयाचार की रिपकोटटि देखें तको 11 हतयाएं और 51 रेप केस दर्ज हतुए हैं । जबकि अगसत में भी 8 हतयाएं और 49 रेप केस दर्ज किए गए थे । इस ्वर्ष यानी 2021 में पिछले महीने ( सितंबर ) तक 57 हतयाएं हको चतुकी हैं ।
24 दलित आं दोलन पत्रिका uoacj 2021