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मुश्किल है कि दलित समाज कको झांसा देने के लिए जिग्ेश कको अपने साथ जोड़ने की कांग्ेर ने जको पहल की है हिन्दूवादी दलितों का किस हद तक समर्थन मिल पाएगा । ककोई आशचय्स की बात नहीं हकोगी कि पंजाब में चन्ी की तरह गतुजरात में जिग्ेश भी कांग्ेर के गले की फांस ही ना बन जाएं ।
दिल्ी में दलितों को झांसा देने की कोशर्र्
दिलिी में बड़ी संखया में सफाई कर्मचारी ्वालमीतक समतुदाय से आते हैं और अगले साल हकोने ्वाले दिलिी नगर निगम चतुना्वों में उनके महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की संभा्वना है । लिहाजा ्वालमीतक समाज कको ितुभाने के लिए कांग्ेर के पू्व्स अधयक् राहतुि गांधी मैदान में आ गए । ट्विटर पर ्वालमीतक जयंती की शतुभकामना देने के बाद कांग्ेर मतुखयािय में समारकोह भी आयकोतजत किया गया और एक शकोभा यात्रा कको हरी झंडी दिखाकर र्वाना भी किया गया । चतुंकि मौका भी था और दसतूर भी लिहाजा भाजपा और मकोदी सरकार पर दलित त्वरकोिी हकोने और समाज कको तोड़ने का आरकोप भी मढ़ दिया । कहा कि कहा कि इन दिनों महर्षि ्वालमीतक के संदेशों पर भी हमला हको रहा है । हमारा संत्विान ्वालमीतक जी की त्वचारधारा का संत्विान है , लेकिन संत्विान पर भी हमले हको रहे हैं । राहतुि ने कहा , " मैं दलित भाइयों और बहनों कको एक संदेश देना चाहता हूं कि कांग्ेर पाटटी इन हमलों कको रकोकेगी । जितना ्वको देश कको तोड़ेंगे उतना ही हम देश कको जोड़ेंगे । जितना ्वे नफरत फैलाएंगे , हम उतना ही ्यार और भाईचारे की बात करेंगे ।" इन मीठी बातों से दलित समाज के ्वालमीतक समतुदाय कको ितुभाने का प्यास करने ्वाले राहतुि कको यह भी याद रखना चाहिए था कि उनकी कांग्ेरनीत संप्ग सरकार ने ही महर्षि ्वालमीतक द्ारा लिखित रामायण कको कपकोि कलपना और भग्वान राम कको कालपतनक चरित्र बताया था । सिर्फ इसलिये ताकि रामसेततु कको तोड़ने की रतुप्ीम से इजाजत हासिल हको जाए । ्वहीं राहतुि जब देश के संत्विान कको ्वालमीतक की त्वचारधारा
पर आधारित बताकर उनका गतुणगान करते हैं तको इसमें भग्वान ्वालमीतक के प्ति उनकी आसथा और श्दा तको नहीं अलबत्ा ्वालमीतक समाज का ्वकोट बटकोरने की िकोितुपता सप्ट दिखाई पड़ती है ।
राजथिान में मुख्यमंत्ी की दलितों से दूरी
राजसथान में दलित समाज के साथ निर्धारित दूरी बनाकर चलने में ही कांग्ेर अपनी भलाई समझ रही है । तभी तको बीते दिनों ्वालमीतक जयंती के अ्वरर पर जयपतुर के पास चाकसू में बाबा साहेब भीमराम अंबेडकर की अ्टिाततु की बड़ी मूर्ति का अना्वरण और जयपतुर में दलित सममेिन काय्सकम से मतुखयमंत्री गहिकोत ने दूरी बनाए रखी । राजसथान में दलितों के साथ खड़े हकोने में कांग्ेर के असमंजस का आलम यह है कि मान्वता के तकाजों का उलिंघन करने से मतुखयमंत्री अशकोक गहिकोत परहेज नहीं बरत रहे हैं । ्वना्स ककोई ्वजह नहीं थी कि हनतुमानगढ़ में पीट — पीटकर दलित यतु्वक की हतया कर दिए जाने का मामला रा्ट्ीय सतर पर तूल पकड़ जाने के बाद भी सीएम गहिकोत ने पीतड़त परर्वार
से मिलने और उनहें ढ़ांढ़र बंधाकर इंसाफ मिलने का त्वश्वास दिलाने कि लिए ्वहां जांना जरूरी नहीं समझा । यहां तक कि जयपतुर में हतुए दलित सममेिन में शामिल हकोने का ्वायदा करने के बाद भी उनहोंने उसमें शिरकत करना जरूरी नहीं समझा । नतीजन त्वरकोतियों के निशाने पर गहिकोत का आना तको स्वाभात्वक ही था अलबत् त्वरकोिी गतुट के कांग्ेतरयों ने भी उनकी इस कूटनीति का माखौल उड़ाने में संककोच नहीं किया । गहिकोत के ितुर त्वरकोिी माने जाने्वाले सचिन पायलट ने तको तंज कसते हतुए सा्व्सजनिक तौर पर यह तक कह दिया कि दलितों के हित में काम की वयसतता के कारण ही मतुखयमंत्री दलित समाज के बीच उपपसथत हकोने की फुर्सत नहीं निकाल पा रहे हैं । यानी इतना तको सप्ट है कि दलितों कको राजसथान में भी झांसा देने का पतुरजकोर प्यास कांग्ेर की ओर से किया जा रहा है जिसमें गहिकोत गतुट दलितों से दूरी बनाकर गैर — दलित मतदाताओं कको पाटटी से जोड़े रखने की क्वायद में है जबकि दलितों कको एक सीमा से अधिक आककोतशत हकोने से रकोकने के लिए पायलट कको आगे किया जा रहा है । यह है कि राजसथान में कांग्ेर की दलितों कको लेकर चित
20 दलित आं दोलन पत्रिका uoacj 2021