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राष्टीय स्तर पर दलित एजेंडा सेट करने की कोशर्र्
हालांकि बीते कुछ समय के घटनाकमों पर गौर करें तको कांग्ेर की ककोतशश रा्ट्ीय राजनीति में दलित एजेंडा सेट करने की सप्ट दिख रही है । पंजाब में कन्वटटेड दलित कको मतुखयमंत्री बनाना , गतुजरात के निर्दलीय त्विायक जिग्ेश मे्वानी कको पाटटी के साथ जोड़ना , बीते दिनों दिलिी के अंबेडकर भ्वन में दलित महापंचायत का आयकोजन किया जाना , उत्राखंड के पू्व्स मतुखयमंत्री हरीश रा्वत द्ारा प्देश के लिए मतुखयमंत्री चेहरे के तौर पर किसी दलित कको आगे लाए जाने की सा्व्सजनिक तौर पर ्वकालत करना , दलित समाज कको साधने के लिए यूपी में यात्रा निकालना और अब तप्यंका का खतुद सामने आकर दलित बसती में झाड़ू लगाना । यह सब संयकोग तको नहीं हको सकता अलबत्ा राजनीतिक प्यकोग अधिक दिखाई दे रहा है । ऐसे में कांग्ेर के ताजा उमड़े दलित प्ेम का त्वशिेरण किया जाना आ्वशयक भी है और अपेतक्त भी कि यह ्वाकई कांग्ेर का हृदय परर्वत्सन है या दलितों कको झांसा देने की राजनीतिक ककोतशश । अगर ्वास्तव में कांग्ेर कको दलित समाज के हितों की चिंता हकोती और दलितों कको अधिक से अधिक अधिकार देकर सशक्त करने के प्ति इमानदार हकोती तको उसने पंजाब में चरणजीत सिंह चन्ी के रूप में इसाई धर्म अपना चतुके वयपक्त कको मतुखयमंत्री बनाकर उसे दलित चेहरे के रूप में प्चारित करके देश के हिनदू दलित समाज कको झांसा देने और उसकी भा्वनाओं कको आहत करने से पहले ना सिर्फ हजार बार रकोचती बपलक ऐसा करती ही नहीं ।
दलितों के रिवत चिंता कम , दिखावा अधिक
तप्यंका गांधी ्वाड्ा ने एक बेहतरीन की-्विटि उठा लिया है- ' नयाय ' और कांग्ेर महारतच्व ' नयाय ' कको रकोशल मीडिया के साथ साथ ऑफलाइन भी ट्ेंि कराने की ककोतशश कर रही
हैं । लखीमपतुर से लेकर आगरा तक तप्यंका गांधी घूम घूम कर , चिलिा चिलिा कर , हर तरफ शकोर मचा कर हर किसी कको यही समझाने की ककोतशश कर रही हैं कि उत्र प्देश में किसी कको भी नयाय नहीं मिल रहा है । आगरा में पतुतिस मालखाने से चकोरी के मामले में ्वहां सफाई करने ्वाले अरुण ्वालमीतक के परर्वार से मिल कर भी तप्यंका गांधी जकोर शकोर से नयाय के साथ साथ दलितों का मतुद्ा भी उठाती हैं । तप्यंका गांधी के बयान भी काफी रकोच समझ कर तैयार किये जा रहे हैं । ऐसा बकोिको कि एक ्वाक्य में ही पूरा एजेंडा िकोगों तक पहतुंच जाये । खैर , हर नेता और पाटटी कको यह अधिकार है कि नियम — कानूनों के दायरे में रहते हतुए ्वह समाज के किसी भी ्वग्स कको ितुभाने के लिए कुछ भी कर सकता है । इस अधिकार का इसतेमाल करते हतुए अगर तप्यंका ने दलित समाज की बसती में झाड़ू लगा कर प्तीकातमक तौर पर खतुद कको दलितों के साथ खड़ा दिखाने और झाड़ू लगाने के काम के प्ति अपना आदर और सममान दिखाने की
पहल की है तको इसमें ना तको ककोई गलती है और ना ही इस पर किसी कको आपतत् हको सकती है । लेकिन मसला है कि हाथ झाड़ू थाम कर ्वह दलित समाज कको झांसा देने निकली हैं या ्वाकई उनके और उनके दल का दलितों के प्ति त्वशेष स्ेह और अनतुराग है । इस कसौटी पर परखें तको दलित राजनीति कको धार देने की कांग्ेर की ककोतशशों में दलितों के हितों के प्ति चिंता कम और दिखा्वा अधिक महसूस हकोता है ।
पंजाब में कांग्रेस का सेल्फ गोल
देश भर में दलित एजेंडा सेट करने शतुरूआत कांग्ेर ने पंजाब से ही की जहां कथित तौर पर मासटर सट्रोक लगाते हतुए उसने दलित समतुदाय के बताए जाने्वाले चरणजीत सिंह चन्ी कको मतुखयमंत्री बना दिया । चन्ी का चेहरा आगे करके कांग्ेर भले ही दलित ्वकोट बैंक पर पूरा हाथ साफ करने के सपने देख रही हको लेकिन जमीनी हकीकत तको यही है कि पंजाब की करीब
18 दलित आं दोलन पत्रिका uoacj 2021