-776256846 | Page 13

fo ' ks " k

सफल हको जाये ्वको सहन न कर पाना ्वको अलग बात है । मकोदी जी के केस में ्वको हतुआ है , हमारे देश में 1967 के बाद की कांग्ेर कको गिन लें तको 3-4 बड़ी-बड़ी त्वचारधाराएं चली , एक समाज्वादी थी ्वको आंदकोिन सिमट कर पहले जातत्वाद में परर्वतत्सत हतुआ और फिर परर्वार्वाद में परर्वतत्सत हों गया , बिहार ्वग़ैरह छकोड़कर पूरा परर्वार्वाद में । कांग्ेर पाटटी जको थी ्वको भी परर्वार्वाद में सिमट कर रह गयी , एक आइडियकोिरॉजी बन गयी , जको मेरा है ्वही श्े्ठ है , मेरा परर्वार ही श्े्ठ है । दूसरा दतक्णपंथी माने जाने ्वाले हम , मगर हम एकातम मान्व्वाद
में मानने ्वाले िकोग हैं .... अंत्योदय हमारी नीतियों का मूल प्ेरणास्रोत है । तीसरा ्वामपंथी त्वचारधारा , इन तीनों कको पया्स्त मौका मिला है , कांग्ेर कको कितना बड़ा मौका दिया , ्वामपंथियों कको तीन राजयों में लंबे-लंबे समय तक मौका मिला , समाज्वादियों कको भी बड़ा मौका मिला । जहां-जहां एनडीए की सरकार हतुई ्वहां अचछा हतुआ , जहां भाजपा की सरकार हतुई ्वहां अचछा हतुआ , और मकोदी जी ने आकर इसकको एक अलग डायमेंशन से बदला । मेरा कमिटमेंट मेरी त्वचारधारा के लिए हको राजनीति के लिए बहतुत अचछा है , राजनीति में वयपक्त कको
त्वचारधारा के आधार पर ही काम करना चाहिए परंततु मेरे अला्वा और ककोई त्वचारधारा , या ककोई और त्वचारधारा रखने ्वाला नेता सफल हकोता है इसकको मैं सहन न कर पाऊं ये अचछा नही , कुछ परर्वार तको आज भी मानते है कि हमारे परर्वार के अला्वा ककोई कैसे देश का प्िानमंत्री बन सकता है । जब मैं एसपीजी का कानून लेकर आया , तको भाई गांधी परर्वार कको क्यों हटा रहे हको , तको भाई क्यों रखें । ये कानून ककोई गांधी परर्वार के लिए नही है ये देश के प्िानमंत्री के लिए है । आप बनको प्िानमंत्री , चतुन कर आओ ऑटकोमेटिकली आपकको रतुत्विा मिलेगी । कल कको मेरी सरकार नही है तको मतुझे भी आम आदमी की तरह जीना चाहिए । हम सालों तक अपकोतजशन में रहे हैं हमने कभी ये र्वाल नही उठाये मगर ये जको मानसिकता है इसी प्कार से ्वामपंथी मित्रों की भी मानसिकता है कि ये कैसे सफल हको गए , इसके कारण वयपक्तगत हमले हकोते हैं ।
नीतिगत कमियों — खामियों की आलोचना का स्ागत
मैं सभी कको कहना चाहता हूं कि आप हमारी नीतिगत बतुराई जरूर करिये , हमारी सरकार में कर्शन है तको उसकको उजागर करिये , हमारा ककोई फेलियर है तको जनता के सामने लेकर जाईये । मगर ऐसा लिख देना कि मकोदी जी नही रहते है तको ये प्िानमंत्री बन जायेगा इस प्कार की इस प्कार की गततत्वतियों से राजनीति का सतर बहतुत नीचें ले जा रहे हैं , जको दतुाःखद है ..... मकोदी जी ने देश की ढेर सारी समसयाओं कको उनके पारमपरिक स्वरुप से हट कर देखा और उसका समाधान किया , यही तको रिफार्म है । जैसे गरीबी उनमूिन . इसी प्कार से आर्थिक रतुिारों में । ककोई समझता ही नहीं था कि इज ऑफ़ डूइंग बिजनेस के बगैर ये देश उतपादन का केंद्र बन ही नहीं सकता । इस देश के साठ करकोड़ िकोग अगर देश की अर्थव्यवसथा से नहीं जतुड़े , बैंक एकाउंट ही नहीं है तको इस देश की शत प्तिशत ऊर्जा का उपयकोग हको ही नहीं सकता । इसके लिए उनहोंने ररररॉम्स किये हैं और ढेर सारे ररररॉम्स
uoacj 2021 दलित आं दोलन पत्रिका 13