"पश्चिम की तीर्थयात्रा" कविता संग्रह प्रथम संस्करण | Page 11

wèi
shēng
ér
bēi

,

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अचानक वह जीवन-मृत्यु से दुखी ह कर ,
yào
xún
xiān
fāng
qiú
cháng
shēng

हमेशा लजोंदा रहने का अमृत पाना चाहता था ।
shí
fu
tōu
xié
mào

,

,

,

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कपड़ा उठाया , ट पी-जूते चुराया ,
jiǔ
chī
miàn
dòu
xiào
shēng

शराब पीता , खाना खाता व मजाक करता था ।
सूचना : वानरराज - “ पजिम की तीथवयात्रा की धमवग्रुंथोुं को प्राप्त करने र्ाली टीम ” का सदस्य । इस ककताब में कदखने वाले वानरराज के बहुत सारे नाम भी शाकमल हैं , उदाहरण के ललए : पत्थर-वानर , सुन ऊखुङ , ऊखुङ , दुरात्मा वानर , प्रधान अश्वरक्षक , स्वगव समकक्ष महान मनीषी , महान मनीषी , नवदीलक्षत सुन , शरारती वानर , कदव्य वानरराज , एवों सुन वानर ।
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