एक-दूजे के पूरक
विज्ञान और अध्यात्म
ऐसा माना जाता है कि विज्ञान और अध्यात्म एक-दूसरे के प्रतिद्वंद्वी और विरोधाभासी हैं। अक्सर यह आम धारणा लोगों के दिमाग में घर कर जाती है और वे इससे अलग सोचना नहीं चाहते। लेकिन यही सोच दरअसल वैचारिक विकास के रुकने का भी संकेत है। जब हम अध्यात्म को संकीर्णताओं के घेरे में कैद कर देते हैं तब भी और जब हम विज्ञान का उपयोग विध्वंस के लिए करने लगते हैं तब भी, दोनों ही तरीकों से हम विनाश की ओर कदम बढ़ाते हैं तथा विकास से कोसों दूर होते चले जाते हैं।