——शयनकक्ष में घी का दीपक व अगरबत्ती करें जिससे मन प्रसन्न रहे। इस बात का घ्यान रखें कि झाड़ू शयनकक्ष में नहीं रखें।
—–यदि मकान में दिशा संबंघी कोई दोष हो तो इससे बचने के लिए ये उपाय करने से लाभ मिलना संभव है।
—–मकान में मुख्य द्वार पर देहरी बना लें। इससे बुरे व अन्य दोष घर में प्रवेश नहीं कर पाते हैं।
——-ईशान कोण के दोष के लिए इस दिशा में पानी से भरा मटका रखें। इस कोण को साफ-सुथरा रखे।
——अग्नि कोण दोष निवारण के लिए कोने में एक लाल रंग का बल्ब लगा दें जो दिन-रात जलता रहे।
——वायव्य कोण दोष निवारण के लिए इस ओर की खिड़कियां खुली रखें, ताकि वायु आ सके। एजॉस्ट पंखा भी लगा सकते हैं।
——–रसोई घर गलत स्थान पर हो तो अग्निकोण में एक बल्ब लगा दें और सुबह-शाम अनिवार्य रूप से जलाये।
——–द्वार दोष और वेध दोष दूर करने के लिए शंख, सीप, समुद्र झाग, कौड़ी लाल कपड़े में या मोली में बांधकर दरवाजे पर लटकायें।
——बीम के दोष को शांत करने के लिए बीम को सीलिंग टायल्स से ढंक दें। बीम के दोनों ओर बांस की बांसुरी लगायें।