मई-2019
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गाजीपुर शहर म रहने वाल
पशुपित यादव कहते ह िक िजस
ग़ाज़ीपुर िज़ले की िगनती सूबे क
सबसे िपछड़ िजले म होती थी,
मनोज िस हा ने अपनी मेहनत और
लगन से उस िज़ले को िवकास की
मु यधारा म लाकर खड़ा कर
िदया. आज़ादी क बाद हुए सार
काम को जोड़ िदया.
ख च दी ह.ै कम बोलने वाले, ज़मीन से जड़े ु नेता
और ईमानदार तथा कमठ यि व के मािलक
मनोज िस हा को आप कभी ज़मीन पर लोग क
साथ बैठकर खाना खाते हए, कभी ब च क
साथ ब चा बनकर खल
ते हए तो कभी कड़ी धप ू
म जनता क सम याए ं सनत
सकते ह.
हए दख
सामािजक कायकता और लेखक कपाशकर
िम ा कहते ह िक अटल िबहारी वाजपेयी ने उ ह
दश
के सबसे ईमानदार नेताओ ं म से एक कहा था
और उसका सबत ू यही ह ै िक रे लवे और दरसचार
जैसे म ं ालय सभालत
हए भी उनके दामन पर
ाचार का एक भी ध बा आज तक नह लगा.
िसिवल सिवसेज़ क तैयारी म लगे इलाहाबाद
िव िव ालय के छा अतल
राय कहते ह िक
अरसे बाद िज़ले को मनोज िस हा जैसे ईमानदार
छिव वाला और रा ीय तर का नेता िमला ह ै जो
ग़ाज़ीपर ु को बलिदय
ं तक ले जा सकता ह.ै पहल
बाहर के लोग से बताने म यहा ं के िनवािसय को
िझझक होती थी िक म गाजीपर ु का रहने वाला ह
लेिकन िस हा जी क बदौलत यहा ं के लोग अब
शान से कहते ह िक म गाजीपर ु का रहने वाला ह. ं
अतल
रय ,
कहते ह िक गाजीपर ु म ाितका
दश
भ क कोई कमी नह िसयासत करने वाल
बड़े-बड़े लोग भी गाजीपर ु म मौज़द ू ह लेिकन
िवकास करने के िलए मनोज िस हा के अलावा
और कोई नह ह.ै
जाित भारतीय समाज का सच ह.ै एक ऐसा सच
जो जातीय वािभमान के नाम पर गलत सही
कछ
ता ह.ै दभा
भी नह दख
य ये िक जाित म ु
खा जाती ह,ै िवकास के एजडे ितलिमला कर हार
जाते ह. ऐसे म हमारी मलाकात
एक से बढ़कर
एक जातीय धरधर
ं से हई. गाजीपर ु लोकसभा
का िमजाज़ परखने म हम ऐसे लोग भी िमले,
िज ह ने मनोज िस हा पर जाितवादी होने का
आरोप भी लगाया. नाम ना छापने क शत पर
एक उ दराज श स ने कहा, 'िस हा जी के आस
पास िसफ़ उनके वजातीय भिमहार
का
जमावड़ा ह.ै गाजीपर ु के िवकास के िलए आई
प रयोजनाओ ं म उनके यही ख़ास लोग ठीके दारी
कर रह े ह. जबिक परान
अनभवी
लोग हािसये पर
डाल िदये गए ह. ' दलगत तौर पर मनोज िस हा क
िवरोधी एक श स ने कहा 'मनोज जी के िवकास
काय पर हम फ़ होता ह,ै लेिकन म ं ी जी
काकस म िघर गए ह. और ये काकस बस
भिमहार
क िफ़ करता ह.ै िजसके चलत
उनक सभावनाए
कमज़ोर हो सकती ह. '
गाजीपर ु शहर के िवकास भवन चौराह े का नाम
बदलकर परशराम
चौराहा करने क माग ं ा ण
सगठन
साल से करते आ रह े ह. ा ण जनसेवा
मच ं गाजीपर ु अपनी इस माग ं को लेकर
नगरपािलका प रषद क अ य स रता
अ वाल से कई बार िमल चका
ह.ै गौर तलब ह
गहमरी भी दोबारा चनाव
हार गये और इस रपोट
पर ऐसी बफ़ जमी जो कभी िपघल न सक . िम ा
आगे जोड़ते ह िक अपने कायकाल के पवा
म
ही मनोज िस हा ने पटेल आयोग क रपोट क
अहम प रयोजना ताड़ीघाट-मऊ रे लवे लाइन का
काय श ु कराया और कायकाल के आिख़री
िदन म वो गाजीपर ु को एयरपोट का तोहफ़ा द
गये. इसके अलावा गाजीपर ु िसटी रे लवे टेशन
से परे ू दश
भर के िलए उ ह ने दज़न ेन चलाई
और िज़ले क ख ताहाल सड़क को द ु त
कराने सिहत मलभत
ू सिवधाओ
को जन-जन
तक पहचान
का काम ाथिमकता से िकया. िजस
ग़ाज़ीपर ु रे लवे टेशन पर रात म िटम-िटम करक
एक लालटेन जला करती थी, अब वो रे लव
टेशन दर ू से ही दिधया
रौशनी म नहाया िदखता
ह.ै इसके अलावा िज़ले के िवकास के िलए ढेर
योजनाए ं वीकत
हो गयी ह, उनम से यादातर
योजनाओ ं का िशला यास हो चका
ह ै या होन
वाला ह.ै
गाजीपर ु शहर म रहने वाले पशपित
यादव कहत
ह िक िजस ग़ाज़ीपर ु िज़ले क िगनती सबे ू क
सबसे िपछड़े िजले म होती थी, मनोज िस हा न
अपनी महेनत और लगन से उस िज़ले को
िवकास क म ु यधारा म लाकर खड़ा कर िदया.
आज़ादी के बाद हए सारे काम को जोड़ िदया
जाय तो भी मनोज िस हा ने िसफ़ पाच
साल म ही
िज़ले के िलए उससे कह यादा काम िकया ह.ै
उ ह ने ग़ाज़ीपर ु के िलए इतना िकया ह ै िजसे एक
साथ बताना बहत मि ु कल ह.ै गाजीपर ु के चनावी
िमजाज़ को भापन
के दौरान हम ये भी एहसास
हआ िक शि सयत के मामले म िवप ी भी
उनके कायल ह. िवप ी भी वीकार करते ह िक
मनोज िस हा ने िवकास क एक बड़ी लाइन