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 मई-2019 57 mRrj izns'k िपछले लोकसभा चनाव म का ं ेस का वोट सात ितशत रह गया ह.ै 2009 के लोकसभा चनाव म करीब 18 ितशत मत म का ं ेस यपी के साथ 21 सीट जीतकर एक बार िफर उठ खड़ होने का सके ं त द े रही थी. लेिकन थानीय नेत ृ व ने परे ू रा य म सगठन को मजबत ू करने के बजाए एक बार िफर आपसी गटबाजी और सड़क स सघष आदत क वजह से इस करने क छट ू चक बड़े मौके को खो िदया. बेहद यान से जमीनी असर को पढ़ने पर पता चलता ह ै िक जमीन पर का ं ेस क पकड़ को राम मनोहर लोिहया आदोलन, मडल आयोग और बीजेपी क िह द ु व ने कमजोर कर िदया. का ं ेस के थानीय नेताओ ं क गटबाजी और त कालीन उभर रह थानीय प के साथ िमलीभगत ने का ं ेस क जड़ पर म ा डाल िदया. अब का ं ेस इसी िनभर ता से उबरकर अपने पैर पर खड़े होने क योजना पर काम कर रही ह.ै अथात का ं ेस एक साथ दो मोच पर लड़ रही ह.ै का ं ेस बीजेपी को घरेने के साथ ही अपने सहयोिगय क तरफ िछटक चके ु अपने मतदाताओ ं म भी अपने ित आकषण पैदा करने क कोिशश कर रही ह.ै का ं ेस क नजर ा ण, दिलत और मसलमान मतदाताओ ं पर ह.ै का ं ेस इस लोकसभा चनाव www.ujeshatimes.com 2019 का यह लोकसभा चुनाव 2022 क िवधानसभा चुनाव की पटकथा िलख रहा है. 2019 क लोकसभा चुनाव म मायावती भी अिखलेश यादव पर बढ़त बनाकर 2022 म गठबंधन क नेतृ व की जोरदार दावेदारी करना चाहती ह. म अपने मत ितशत को बढ़ाकर 2022 क िवधानसभा चनाव मतदाताओ ं क म मसलमान सामने बीजेपी के िवक प के प म खद ु को परोसना चाहती ह.ै इसीिलए का ं ेस क पहली नजर गैर जाटव दिलत के साथ ा ण मतदाताओ ं पर ह.ै इसे मायावती भाप ं चक ह, िजस वजह से मायावती का ं ेस पर बेहद आ ामक ह. उ मीदवार क पड़ताल करने पर पता चलता ह ै िक का ं ेस ने सपा उ मीदवार क सामने ऐसे उ मीदवार खड़े िकये ह जो बीजेपी क वोट बक म सधमारी कर. मायावती क िसयासी समझदारी सपा के साथ गठबधन करते हए सीट क स ं या म भी मायावती ने अपने िलए एक सीट अिधक झटक ली. अब यान से दिेखए तो पता चलेगा मायावती ने ना िसफ अपने िलए उन सीट को चना अिधक ह ै जहा ं उनके जीतने क सभावना हो. सीट के बटवार म अिखलेश यादव के िह स म उन सीट को थमा िदया िजन पर बीजेपी भारी ह. यह करीब करीब सविविदत ह ै िक शहरी सीट पर बीजेपी क बढ़त रहती ह.ै अब यान दीिजए लखनऊ, गोरखपर, ु वाराणसी, इलाहाबाद, कानपर, ु झासी, गािजयाबाद जैसी शहरी सीट सपा को थमा दी गई ह. इन सीट का त कालीन इितहास खगाल लीिजए, कानपर ु के अलावा सभी सीट पर बीजेपी क बढ़त रही ह.ै शहरी सीट म कानपर ु सीट पर का ं ेस मजबत ू ह.ै कई ऐसी सीट िजन पर सपा लगातार मजबत ू रही ह वह भी बसपा ने छीन ली. उदाहरण के िलए 1996 से लगातार पाच बार सपा का क जा कै सरगज ं पर रहा ह.ै बसपा ने इसे अपने पाले म ले िलया. इस तरह सीट के साथ बटवार म अिखलेश पर मायावती ने बढ़त बना ली. मायावती बनाम का ं ेस क असली िसयासी लड़ाई समिझए जहा ं का ं ेस अिधकाश सीट पर सपा के साथ डली फाइट करके बीजेपी को कमजोर करन क कोिशश म ह,ै वह बीएसपी के िसबल पर लड़ रह े उ मीदवार के सामने का ं ेस एटी बीजेपी वोट म सधमारी कर रही ह.ै श ु आत दवे रया स करते ह. बीएसपी म लोकसभा भारी ही म ु यत: उ मीदवार बनाया जाता रहा ह.ै दवे रया से बीएसपी के भारी िवनोद जायसवाल ह. इनको उ मीदवार माना जाए तो एटी बीजेपी वोट म का ं ेस उ मीदवार िनयाज अहमद जोरदार सधमारी करगे. िजससे बीजेपी क राह म आसानी होगी. 2014 म दवे रया से बीजेपी क कलराज िम ा ने जीत हािसल क थी. उ ह न चनाव म 51.1 ितशत वोट हािसल िकए थे. उ ह ने बीएसपी उ मीदवार िनयाज अहमद को हराया. तीसरे थान पर सपा के बले र यादव रह.े अब वही िनयाज अहमद का ं ेस म चले गय ह. इस तरह का ं ेस ने बीएसपी के सामने रोड़ा का ं ेस को भल चक एक पीढ़ी करीब तीन दशक से यपी को सपा और बसपा के बीच लढकता दख रही ह.ै बीच म 91-92 और 97- 2002 तक बीजेपी ने भी स ा के िशखर तक लड़खड़ाते ही सही अपनी उपि थित दज कराई. 2014 क मोदी लहर के बाद परे ू दश म बढ़ रहा बीजेपी का परचम यपी म भी 2017 म जोरदार लहराया और योगी आिद यनाथ म ु यम ं ी बन गये. अब का ं ेस के पास यपी म खोने के िलए कछ भी नह ह.ै