मई-2019
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िपछले लोकसभा चनाव
म का ं ेस का वोट
सात ितशत रह गया ह.ै 2009 के लोकसभा
चनाव
म करीब 18 ितशत मत
म का ं ेस यपी
के साथ 21 सीट जीतकर एक बार िफर उठ खड़
होने का सके ं त द े रही थी. लेिकन थानीय नेत ृ व
ने परे ू रा य म सगठन
को मजबत ू करने के बजाए
एक बार िफर आपसी गटबाजी
और सड़क स
सघष
आदत क वजह से इस
करने क छट ू चक
बड़े मौके को खो िदया. बेहद यान से जमीनी
असर को पढ़ने पर पता चलता ह ै िक जमीन पर
का ं ेस क पकड़ को राम मनोहर लोिहया
आदोलन,
मडल
आयोग और बीजेपी क
िह द ु व ने कमजोर कर िदया. का ं ेस के थानीय
नेताओ ं क गटबाजी
और त कालीन उभर रह
थानीय प के साथ िमलीभगत ने का ं ेस क
जड़ पर म ा डाल िदया. अब का ं ेस इसी
िनभर ता से उबरकर अपने पैर पर खड़े होने क
योजना पर काम कर रही ह.ै अथात का ं ेस एक
साथ दो मोच पर लड़ रही ह.ै का ं ेस बीजेपी को
घरेने के साथ ही अपने सहयोिगय क तरफ
िछटक चके ु अपने मतदाताओ ं म भी अपने ित
आकषण पैदा करने क कोिशश कर रही ह.ै
का ं ेस क नजर ा ण, दिलत और मसलमान
मतदाताओ ं पर ह.ै का ं ेस इस लोकसभा चनाव
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2019 का यह लोकसभा चुनाव
2022 क िवधानसभा चुनाव की
पटकथा िलख रहा है. 2019 क
लोकसभा चुनाव म मायावती भी
अिखलेश यादव पर बढ़त
बनाकर 2022 म गठबंधन क
नेतृ व की जोरदार दावेदारी
करना चाहती ह.
म अपने मत ितशत को बढ़ाकर 2022 क
िवधानसभा चनाव
मतदाताओ ं क
म मसलमान
सामने बीजेपी के िवक प के प म खद ु को
परोसना चाहती ह.ै इसीिलए का ं ेस क पहली
नजर गैर जाटव दिलत के साथ ा ण
मतदाताओ ं पर ह.ै इसे मायावती भाप ं चक
ह,
िजस वजह से मायावती का ं ेस पर बेहद
आ ामक ह. उ मीदवार क पड़ताल करने पर
पता चलता ह ै िक का ं ेस ने सपा उ मीदवार क
सामने ऐसे उ मीदवार खड़े िकये ह जो बीजेपी क
वोट बक म सधमारी कर.
मायावती क िसयासी समझदारी
सपा के साथ गठबधन
करते हए सीट क स ं या
म भी मायावती ने अपने िलए एक सीट अिधक
झटक ली. अब यान से दिेखए तो पता चलेगा
मायावती ने ना िसफ अपने िलए उन सीट को
चना
अिधक
ह ै जहा ं उनके जीतने क सभावना
हो. सीट के बटवार
म अिखलेश यादव के िह स
म उन सीट को थमा िदया िजन पर बीजेपी भारी
ह. यह करीब करीब सविविदत ह ै िक शहरी सीट
पर बीजेपी क बढ़त रहती ह.ै अब यान दीिजए
लखनऊ, गोरखपर, ु वाराणसी, इलाहाबाद,
कानपर, ु झासी,
गािजयाबाद जैसी शहरी सीट
सपा को थमा दी गई ह. इन सीट का त कालीन
इितहास खगाल
लीिजए, कानपर ु के अलावा
सभी सीट पर बीजेपी क बढ़त रही ह.ै शहरी
सीट म कानपर ु सीट पर का ं ेस मजबत ू ह.ै कई
ऐसी सीट िजन पर सपा लगातार मजबत ू रही ह
वह भी बसपा ने छीन ली. उदाहरण के िलए
1996 से लगातार पाच
बार सपा का क जा
कै सरगज ं पर रहा ह.ै बसपा ने इसे अपने पाले म
ले िलया. इस तरह सीट के साथ बटवार
म
अिखलेश पर मायावती ने बढ़त बना ली.
मायावती बनाम का ं ेस क असली
िसयासी लड़ाई समिझए
जहा ं का ं ेस अिधकाश
सीट पर सपा के साथ
डली फाइट करके बीजेपी को कमजोर करन
क कोिशश म ह,ै वह बीएसपी के िसबल
पर
लड़ रह े उ मीदवार के सामने का ं ेस एटी
बीजेपी
वोट म सधमारी कर रही ह.ै श ु आत दवे रया स
करते ह. बीएसपी म लोकसभा भारी ही
म ु यत: उ मीदवार बनाया जाता रहा ह.ै दवे रया
से बीएसपी के भारी िवनोद जायसवाल ह.
इनको उ मीदवार माना जाए तो एटी
बीजेपी वोट
म का ं ेस उ मीदवार िनयाज अहमद जोरदार
सधमारी करगे. िजससे बीजेपी क राह म
आसानी होगी. 2014 म दवे रया से बीजेपी क
कलराज िम ा ने जीत हािसल क थी. उ ह न
चनाव
म 51.1 ितशत वोट हािसल िकए थे.
उ ह ने बीएसपी उ मीदवार िनयाज अहमद को
हराया. तीसरे थान पर सपा के बले र यादव
रह.े अब वही िनयाज अहमद का ं ेस म चले गय
ह. इस तरह का ं ेस ने बीएसपी के सामने रोड़ा
का ं ेस को भल
चक
एक पीढ़ी करीब तीन
दशक से यपी
को
सपा और बसपा के बीच
लढकता
दख
रही ह.ै बीच म 91-92 और 97-
2002 तक बीजेपी ने भी स ा के िशखर तक
लड़खड़ाते ही सही अपनी उपि थित दज कराई.
2014 क मोदी लहर के बाद परे ू दश
म बढ़ रहा
बीजेपी का परचम यपी
म भी 2017 म जोरदार
लहराया और योगी आिद यनाथ म ु यम ं ी बन
गये. अब का ं ेस के पास यपी
म खोने के िलए
कछ
भी नह ह.ै