Sri Vageesha Priyah eSouvenir | Page 5

् ् - ज्यौशतषरत्नां सांस्थानधमािशधकाशर महाशवद्वान श्रमान उ। वे। करूरु शेषाचायिीः वैशदकधमिप्ररोचनम ् S-32 श्रलक्ष्मरहयवदनरत्नमालास्तोिम ् S-51 ् - श्रमान उ। वे आत्मकू रु रङ्गाचायिीः - परमहम्सेत्याशद श्रमदशिनवरङ्गनाथ ब्रह्मतन्त्रस्वतन्त्र परकालमहादेशशकाीः लक्ष्मरकल्याणां नाम समवाकाररूपकम ् S-58 ु ु ु ु ु सवणिपल्लवगशां ु िततोरणमालाबन्धीः मरजबन्धीः सधाांशबन्धीः स्तवचतष्टयां दण्डकपञ्चकां गद्यमेकां च S-75 ु श्रमखपशिकाीः S-116 ् ु - श्रमान उ। वे प ैत्तम् J