Sri Vageesha Priyah eSouvenir navya-smRti-deepaH Part 1 | Page 50
॥ श्रीः॥
ु
॥ श्रलक्ष्मरहयवदन लक्ष्मरनारायण वेणगोपाल परब्रह्मणे नमीः॥
Swamy in Purvashramam
श्रलक्ष्मरहयग्ररव शदव्यपादुकासेवक श्रमदशिनव रङ्गनाथ ब्रह्मतन्त्र परकाल महादेशशक पूवााश्म
शदव्यमङ्गलशवग्रहच्छाया
(श्रशवद्वद्वरेण्यीः आत्मकू र ्रङ्गाचायास्वाशमपादाीः)