Sri Vageesha Priyah eSouvenir May 2014 | Page 9
॥ श्रीः॥
ु
॥ श्रलक्ष्मरहयवदन लक्ष्मरनारायण वेणगोपाल परब्रह्मणे नमीः॥
ु
॥ श्र शठकोप रामानज देशशके भ्यो नमीः॥
ु
॥ श्र ब्रह्मतन्त्र स्वतन्त्र परकाल गरुपरम्परायै नमीः॥
ya va{ya yitrajrajvzga c³e=icRta ya icrat! àacayERinRgmaNtdeizkmi[ïIäütÙaidmE>,
yaXyaSte prkals s