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महासभा के सतत विकास लक्यों पर ओपन िवकिंग ग्ुप द्ािा प्रसिावित है , जिसे 2030 तक प्रापि किया जा सकता है । बातचमीि के बाद , संयु्ि राषट्र सतत विकास शिखर सम्ेिन में " हमािमी दुनिया को बदलना : सतत विकास के लिए 2030 एजेंडा " शमीष्खक वाला एजेंडा अपनाया गया । लक्य रियो डमी जेनेरियो में आयोजित रियो-20 सम्ेिन ( 2012 ) के परिणाम हैं और यह एक गैर-बाधयकािमी दसिािे् है । सतत विकास लक्य लक्यों , लक्यों और संकेतकों का एक नया , सार्वभौमिक से्ट है , जिसका उपयोग संयु्ि राषट्र के सदसय राजयों से अपने एजेंडे और राजनमीविक नमीवियों को तैयार करने के लिए करने कमी अपेक्ा कमी जाएगमी । सतत विकास लक्य सहस्ाब्दी विकास लक्यों के आिशगों का पालन और विसिाि करते हैं जो 2015 के अंत में समापि हो गए ।
भारत के सतत विकास लक््य और उपलब्धियां
सितंबर 2015 से सतत विकास लक्यों को अपनाने के बाद से , भारत ने देश में इसके कार्यानियन कमी सफलता को देखते हुए वैकशिक लक्यों के प्रति अपनमी मजबमूि प्रतिबद्धता प्रदर्शित कमी है । भारत कमी प्रतिबद्धता ग्रामीण घरों को विद्युिमीककृि करने , िड़वकयों के सकूि जाने और सकूि में रहने को सुवनकशचि करने , सभमी के लिए सिचछिा और आवास प्रदान करने , युवाओं को वैकशिक श्् बाजार में प्रतिसपधा्ख करने के लिए कौशल से लैस करने , वित् और वित्तीय सेवाओं तक पहुंच को सक्् करने के काम में परििवक्ि होिमी है I भारत ने प्रभािमी नमीवि निर्माण और लक्यों के विरुद्ध योजनाओं कमी प्रगति कमी निगरानमी के लिए डे्टा के उपयोग पर भमी साहसिक प्रगति कमी है । इन हसिक्ेपों का सतत विकास लक्यों कमी प्राकपि पर समीधा और शानदार प्रभाव पड़िा है । वह समान चुनौतियों से जमूझ रहे अनय विकासशमीि देशों के लिए उदाहरण के रूप में
काम करते हैं । लक्यों के सथानमीयकरण को अतयवधक महति दिया गया है ्योंकि राजय और केंद्र शासित प्रदेश देश के महतिाकांक्षी विकास एजेंडे के वासिविक कार्यानियनकर्ता हैं ।
प्रधानमंत्री मोिमी ने 2015 में न्यूयलॉक्क में आयोजित ' सतत विकास के लिए 2030 एजेंडा ' को अपनाने के लिए आयोजित संयु्ि राषट्र शिखर सम्ेिन में भाग लिया था । प्रधानमंत्री मोिमी के बयान कमी एक मुखय बात यह है कि भारत का अधिकांश विकास एजेंडा सतत विकास लक्यों में प्रतिबिंबित होता है । यह इस तथय को प्रतिबिंबित करता है कि लक्य तैयार करने और अपनाए जाने से पहले हमी भारत ने कई
विकासात्क कार्यक्रम शुरू कर दिए थे । इकचछि लक्यों पर प्रसिाि तैयार करने के लिए गठित ओपन िवकिंग ग्ुप ( ओडबलयमूजमी ) के सदसय के रूप में , भारत ने विकासशमीि देशों कमी चिंताओं को बहुत उतसाह से सामने रखा । भारत बहुत हमी उचित रूप से लोगों को गिमीबमी से ऊपर उठाने और उनहें मुखयधारा के आर्थिक विकास का हिससा बनाने पर महति देता है । यह भमी माना जाता है कि बुनियािमी ढांचे के विकास के लिए बहुत काम किया गया है , लेकिन इसे समाज के सभमी हिससों तक ले जाना अभमी भमी एक बड़ी चुनौिमी है । इसलिए भारत ने तर्कसंगत ििमीके से विकास को सुविधाजनक बनाने के लिए
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