कांग्ेस ने किसानों को भड़काने का भमी काम किया है । कांग्ेस ने युवाओं को अंधविशिास में धकेल का प्रयास किया है । कांग्ेस ने तो खिलावड़यों तक का भमी इसिे्ाल किया है । जनता ने विधानसभा चुनाव 2024 में कांग्ेस को जवाब दिया है । हरियाणा में वंचितों के आिक्ण का उपिगतीकरण कर भाजपा ने जहां वंचित हितैषमी होने का बड़ा उदाहरण पेश किया है , वहीं राजग शासित राजय सरकारों के सामने इसे लागमू करने का दबाव भमी बढ़ा दिया है । प्रधानमंत्री नरेनद्र मोिमी ने मुखय्ंत्री नायब सिंह सैनमी के दायिति ग्हण समारोह के दिन चंडमीगढ़ में राजग शासित राजयों के मुखय्ंवरियों कमी बैठक में सपष्ट तौर पर कहा था कि राजयों को एक- िमूसरे के यहां लागमू योजनाओं , कार्यक्रमों और नमीवियों का अधययन कर उनहें लागमू करने कमी पहल करनमी चाहिए ।
राजग शासित राजयों कमी बैठक के तुरंत बाद हरियाणा सरकार ने वंचित कलयाण का जो फैसला लिया है , उसका पमूिे देश में बड़ा संदेश गया है । उच्ि् नयायालय के दिशा-वनिवेशों को लागमू करने वाला हरियाणा देश का पहला
राजय है । राजय में वंचितों कमी जनसंखया 22 प्रतिशत के आसपास है । कांग्ेस और भाजपा ने एक-िमूसरे पर संविधान तथा आिक्ण वयिसथा को खत् करने के आरोप तक लगाए , लेकिन जिस तरह वंचितों ने चुनाव में भाजपा के प्रति अपना लगाव दिखाया है , उससे दो कदम आगे बढ़िे हुए भाजपा सरकार ने भमी आिक्ण का उपिगतीकरण लागमू कर वंचितों में शामिल अति वंचित जातियों के लोगों को आगे बढ़ने के अवसर प्रदान किए हैं ।
भाजपा सरकार के िमूसरे कार्यकाल में हरियाणा अनुसमूवचि जाति आयोग ने अनुसमूवचि जातियों के लिए आिक्ण को विभाजित करने कमी रिपो ्ट तैयार कमी थमी , जिसे उच्ि् नयायालय कमी आबजिवेशन के बाद अब िमीसरे कार्यकाल में स्वीककृवि प्रदान कमी गई है । आयोग कमी रिपो ्ट के मुताबिक वंचित अनुसमूवचि जातियों का राजय कमी सरकािमी सेवाओं में पर्यापि प्रतिनिधिति नहीं है , जबकि अनय अनुसमूवचि जातियों का उनकमी जनसंखया के अनुपात कमी तुलना में अधिक प्रतिनिधिति है । इस असमानता को तोड़ने कमी आवशयकता समझते हुए समान अवसरों को सुवनकशचि करने और सार्वजनिक रोजगार में पर्यापि प्रतिनिधिति देने हेतु राजय सरकार द्ािा उप-िगतीकरण किया जा रहा है । भाजपा ने विधानसभा चुनाव से ठमीक पहले राजय में योजनाबद्ध ििमीके से वंचित सम्ेिनों का आयोजन किया था , जिसकमी शुरुआत कुरुक्ेरि से हुई । इस सम्ेिन के संयोजक भाजपा के वंचित नेता सुदेश क्टारिया रहे , जबकि केंद्रमीय मंत्री मनोहर लाल के साथ िमीन केंद्रमीय मंत्री इसमें शामिल हुए । सुदेश क्टारिया ने राजय के सभमी वंचित बाहुलय इलाकों में सम्ेिन करने का सिलसिला आरंभ किया , जो कि जािमी है ।
हरियाणा में उप-िगतीककृि आिक्ण के प्रयोजन के लिए अनुसमूवचि जातियां दो श्ेवणयों में होंगमी । पहिमी अनुसमूवचि जातियां और िमूसिमी वंचित अनुसमूवचि जातियां ( डमीएससमी )। सरकािमी सेवाओं में समीधमी भिती में अनुसमूवचि जातियों के लिए आिवक्ि बमीस प्रतिशत को्टे में से आधा यानि दस प्रतिशत को्टा वंचित अनुसमूवचि
जातियों के उम्मीदवारों के लिए आिवक्ि रहेगा । यदि वंचित अनुसमूवचि जातियों के उपयु्ि उम्मीदवार उपलबध नहीं हैं तो हमी अनय अनुसमूवचि जातियों के उम्मीदवार को शेष रि्ि पदों पर नियुक्ि के लिए विचार किया जाएगा । इसमी प्रकार यदि अनय अनुसमूवचि जातियों के उपयु्ि उम्मीदवार उपलबध नहीं हैं , तो हमी वंचित अनुसमूवचि जातियों के उम्मीदवारों को शेष रि्ि पदों पर नियुक्ि के लिए विचार किया जा सकेगा । सरकािमी नौकरियों कमी भिती में वंचित अनुसमूवचि जातियों और अनय अनुसमूवचि जातियों के उम्मीदवारों कमी अंतर-वरिषठिा भिती एजेंसमी द्ािा तैयार कमी गई कामन मेरि्ट लिस्ट के अनुसार होगमी । एससमी-एस्टमी में क्रमी्मी लेयर कमी पहचान के लिए नमीवि बनाई जाएगमी ।
उधर कना्ख्टक में आयोग के गठन का फैसला अनुसमूवचि जातियों को आंतरिक आिक्ण देने के उच्ि् नयायालय के निर्णय कमी पृषठभमूव् में लिया गया है । कना्ख्टक के कानमून मंत्री एच . के . पाव्टि ने सपष्ट करते हुए कहा कि उच् नयायालय के सेवानिवृत नयायाधमीश के नेतृति में आयोग का गठन किया जाएगा और आकंड़े प्रापि होने के बाद अगला निर्णय लिया जाएगा । आयोग को राजय सरकार कमी ओर से िमीन माह के भमीिि एक रिपो ्ट पेश करने के लिए कहा कहा है । इसके साथ हमी आगे कमी भिती प्रक्रिया को निलंबित कर दिया गया है और अब से कोई भमी भिती अधिसमूचना आयोग कमी रिपो ्ट के आधार पर िमी जाएगमी ।
कना्ख्टक में िमीन दशकों से अनुसमूवचि जातियों में आंतरिक आिक्ण के माधय् से दलितों को नयाय दिलाने का प्रयास जािमी रहा । एसएम ककृषणा जब मुखय्ंत्री थे , उस समय आंतरिक आिक्ण कमी मांग लगातार बढ़ती गई । इसके मद्ेनजर सरकार ने एक सििंरि आयोग बनाने के प्रसिाि पर विचार किया था । बाद में धरम सिंह के नेतृति वािमी कांग्ेस-जेडमीएस गठबंधन सरकार ने 2005 में अधययन करने और सिफारिशें करने के लिए एजमी सदाशिव के नेतृति में एक आयोग का गठन किया था । लेकिन तत्कालीन समय में इस दिशा में कोई प्रगति नहीं हो पाई थमी । �
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