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अप्रत्याशित जनयादेश और मोदी सरकयार yks
कसभा के चुनाव परिणाम आने के बाद जहां देश में ऐतिहासिक रूप से तीसरी बार प्रधानमंत्ी नरेंद्र मोदी के नेतृतव में केंद्र सरकार का गठन हो गया , वही अबकी बार के चुनाव परिणाम ने भाजपा को निराश किया है । एक तरफ पार्टी अबकी बार चार सौ पार के नारे के लेकर चुनाव मैदान में उतरी थी , वही पार्टी सिर्फ 240 सीर्ों पर सिमर् कर रह गईI यही कारण है कि अबकी बार भाजपा की पूर्ण बहुमत वाली सरकार नहीं बन पाई और सबसे बड़ी पार्टी के रूप में भाजपा को गठबंधन सरकार बनाने का अवसर मिला है । इस चुनाव की सबसे बड़ी बात यह है कि चुनाव आयोग , चुनाव प्रतरिया और वोतर्ंग मशीन पर प्रश्न उठाने वाला विपक्ष भी चुनाव परिणाम को लोकतंत् की विजय बताता हुआ घूम रहा है । देश की जनता ने यह सनदेश भी दे दिया है कि सशकि लोकतंत् के लिए मजबूत विपक्ष का होना आवशयक है । पर यह प्रश्न यह भी है कि कया देश को ऐसा विपक्ष चाहिए जो जनता को गुमराह और भ्रमित करके चुनाव जीतने पर भरोसा करता हो ?
यह प्रश्न इसलिए भी है कयोंकि अबकी बार चुनाव के दौरान कांग्ेस गठबंधन सहित विपक्ष का असली रूप जनता के सामने आ गया । देश की बहुसंखयक हिनदुओं को जातियों के बांर्कर भ्रमित करने के लिए विपक्ष लगातार प्रयास करता रहा और उसमें विपक्ष सफल हुआ । कांग्ेस नियंत्ण वाले विपक्षियों के साथ अनय क्षेत्ीय दल दलित , पिछड़ा और वनवासी वर्ग को लुभाने के लिए जाति और धन-समपदा आधारित जनगणना को कराने का दावा करते हुए संविधान और आरक्षण को समापि करने की अफवाह फैलाने में जुर्े हरे , पर वासितवकता में देश की बहुसंखयक हिनदू जनता के सामने विपक्ष का चेहरा उजागर हुआ । नगरों से लेकर ग्ामीण क्षेत्ों में रहने वाली आम जनता विपक्ष के नारों-दावों के मायाजाल में फंस गई । इसके बाद भी सोशल मीडिया पर आम जनता से जुडी पोस्ट- वीडियो में कांग्ेस सहित अनय दलों के नेताओं के प्रति वयकि की जा रही प्रतितरिया को देखकर यह समझा जा सकता है कि गत दस वर्षों के दौरान प्रधानमंत्ी नरेंद्र मोदी ने जिस तरह से देश की ससथतियों में आमूलचूल परिवर्तन किया है , उसकी कलपना आम जनता तो दूर , विशव के अगुवाकारों ने भी नहीं की थी ।
2014 में भारत की आंतरिक एवं बाह्य ससथतियों में विचार किया जाए तो गरीब , दलित , पिछड़े , वनवासी , वंचित वर्ग के साथ ही आम जनता ने इस उममीद के साथ भाजपा नेता नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्ी पद के लिए
चुना था , शायद अब उनकी जतर्ल ससथतियों एवं समसयाओं के तवर्य में गंभीरता से विचार करके कोई नीति या काय्णरिम बनाया जाएगा , जो वासितवकता के धरातल पर उनका कलयाण करने में सक्षम होंगे । आम नागरिक की उममीदों , आशाओं , अभिलार्ा और वासितवक सवप्ों के बीच मई 2014 में सत्ा संभालने के बाद प्रधानमंत्ी मोदी ने देश को नई गति दी , विकास के नए आयाम सथातपि किए और आम जनता से जुडी योजनाओं के तरियानवन पर धयान दिया , उसका परिणाम 2019 में मिला और जनता ने उन पर विशवास वयसकि करके पुनः प्रधानमंत्ी पद संभालने का जनादेश सुनाया । 2019 से 2024 के मधय कोरोना महामारी के समय भारत के साथ ही समपूण्ण विशव के कलयाण की कामना के साथ प्रधानमंत्ी मोदी ने जो कदम उठाए , उसकी प्रशंसा उन राष्ट्ों को भी करनी पड़ी , जो भारत को फूर्ी आंख देखना भी नहीं चाहते हैं । कोरोना महामारी के बाद आर्थिक सिि पर उठाए गए कदमों का परिणाम है कि देश की अर्थ वयवसथा के सामने चौधरी राष्ट् भी खड़े नहीं हो पा रहे हैं । वहीं देश के अंदर आम जनता को दस वर्षों में यह विशवास पूरी तरह दृढ़ हुआ है कि अगर प्रधानमंत्ी पद भाजपा नेता नरेंद्र मोदी संभालेंगे तो देश को आगे बढ़ने से कोई रोक नहीं सकता ।
देश में जारी चुनाव प्रतरिया के बीच स्पष्ट रूप से आम जनता भाजपा नेता नरेंद्र मोदी के साथ खड़ी हुई दिखी और जनादेश ने उनहें तीसरी बार प्रधानमंत्ी बनाने के लिए अपना निर्णय सुनाया । ऐसे में कांग्ेस सहित पूरा विपक्ष निराशा में डूबा हुआ है । यह निराशा उनके बयानों में वयकि किए जाने वाले अपशबदों , झूठे आरोपों , जनता को भ्रमित करने के लिए किए जा रहे दावों से देखी जा सकती है । धयान देने लायक बात यह भी है कि विपक्ष का हर दल मुससलम समुदाय का समर्थन हासिल करके सत्ा हासिल करने के लिए दिन-रात लगा रहा और मुससलम वर्ग ने भी एकजुर् होकर विपक्ष का ही साथ दिया । मुससलम महिलाओं से लेकर मुससलम वर्ग के वह लाभाथटी , जिनका जीवन मोदी सरकार की लोककलयाणकारी योजनाओं से बदला , वह भी भाजपा और मोदी के विरोध में सामने दिखाई दिए । मुद्ातवहीन विपक्ष के झूठे आरोपों और गलतबयानी को दरकिनार करके प्रधानमंत्ी मोदी सहित पार्टी के नेता- कार्यकर्ता दिन-रात चुनाव प्रचार में लगे रहे , इसके बावजूद परिणाम वैसे नहीं आए , जैसी अपेक्षा की जा रही थी । ऐसा कयों हुआ ? इस पर पार्टी को गंभीरता से विचार करना ही होगा ।
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