May 2025_DA | Page 9

ओम बिरला, लोकसभा अधयषि
नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री
भारत के संत्विान के शिलपकार, देश के प्रथम त्वति मंत्री बाबासाहब डा. भीमरा्व आंबेडकर जी की जयंती पर कोटि-कोटि नमन । बाबासाहब आजी्वन समानता, स्वतंत्रता, न्याय और बंिदुता के लिए समर्पित रहे । कमजोर परर्वेश से निकलकर उन्होंने अभूतपू्वति उपलब्ियां हासिल की, तथा समाज में ्वांछित परर्वततिन लाने के लिए तशषिा को माधयम बनाया । संत्विान सभा में ड्ान्टिंग कमेटी के चेयरमैन के रूप में ददुतनया के सर्वोत्कृष्ट त्विायी दस्तावेज‘ भारत के संत्विान’ की रचना की । जब हम संत्विान अंगीकरण के 75 वर्षों का उत्सव मना रहे हैं, बाबासाहब का वयन्तत्व और अधिक प्रासंगिक हो जाता है । उनका दर्शन हमें सभी तरह के अन्याय, शोषण और उतपीड़न के खिलाफ संगठित रहने की प्रेरणा देता है । ्वंचित ्वगति के उतथान और राष्ट् के सशक्तकरण के लिए समर्पित डा. आंबेडकर का जी्वन करोड़ों देश्वासियों को यदुगों-यदुगों तक प्रेरित करता रहेगा ।
ओम बिरला, लोकसभा अधयषि
एवं अधिकारिता राज्य मंरिी बी. एल. वर्मा सहित डीएएफ के अत््य वरर्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे । इस अवसर पर डीएएफ ने अनु्याम्य्यों के सामान के भंडारण में सहा्यता के लिए एक सटाल भी लगा्या ।
जानकारी हो कि डा. आंबेडकर की जन्म ज्यंती प्रत्येक वर्ष 14 अप्रैल को उनकी समृमत में मनाई जाती है । बाबासाहब एक ददूरदशमी समाज सुधारक, त््या्यमवद, अर्थशासरिी और राजनीमतज् थे, जो भारत के संविधान के मुख्य रचिनाकार भी थे । उन्होंने वंमचित समुदा्यों के हितों की रक्ा की । सामाजिक त््या्य, समानता और लोकतंरि पर उनके मवचिार आज भी पीढ़ियों को प्रेरित करते हैं । बाबासाहब ने भारत के सामाजिक और राजनीतिक परिदृश्य पर अपनी अमिट छाप छोड़ी है । सामाजिक त््या्य के पक्धर के रूप में सुविख्यात बाबासाहब ने भारती्य समाज में महतवपदूणता ्योगदान मद्या । डा. आंबेडकर की सबसे महतवपदूणता भदूमिका भारती्य संविधान की प्रारूप समिति के सभापति के रूप में रही । इस पद पर का्यता करते हुए उन्होंने संविधान सभा में चिचिाता के
दौरान अमदूल्य ्योगदान मद्या तथा भारत के संविधान में समावेशिता और त््या्य के सिद्धांतों को सुमनन््चित करने के लिए प्रेरक शक्ति के रूप में का्यता करते हुए समृद्ध विरासत छोड़ी जिसके लिए उन्हें पदूजनी्य माना जाता है ।
विलक्ण ्योग्यता और बहुमुखी व्यक्तितव के धनी बाबासाहब एक अर्थशासरिी, शिक्ामवद, विधिवेत्ा और महान समाज सुधारक थे । वह समतामदूलक समाज के प्रबल समर्थक थे और उन्होंने महिलाओं और वंमचित वगषों के आर्थिक और सामाजिक अधिकारों के लिए आजीवन संघर्ष मक्या । वह शिक्ा को सामाजिक परिवर्तन और वंमचितों के सशक्तिकरण का महतवपदूणता साधन मानते थे । मवमभन् क्ेरिों में उनके ्योगदान से आने वाली पीढ़ियों को रा्ट्र निर्माण के लिए प्रतिबद्धता के साथ काम करने की प्रेरणा मिलती रहेगी । इस अवसर पर, आइए हम डा. अंबेडकर के आदशषों को अपने जीवन में अपनाने का संकलप लें और एक ऐसे रा्ट्र के निर्माण के लिए काम करें, जिसमें सामाजिक सद्ाव और समानता की भावना समाहित हो ।
सभी देश्वासियों की ओर से भारत रत्न पूजय बाबासाहब को उनकी जयंती पर कोटि-कोटि नमन । यह उन्हीं की प्रेरणा है कि देश आज सामाजिक न्याय के सपने को साकार करने में समर्पित भा्व से जदुटा हदुआ है । उनके सिदांत ए्वं आदर्श आतमतनभतिर और त्वकसित भारत के निर्माण को मजबूती और गति देने ्वाले हैं ।
नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री
ebZ 2025 9