सह्योगी दलों ने दशकों तक सत्ा में रहते हुए जातिगत जनगणना का विरोध मक्या और विपक् में रहते हुए इस पर राजनीति की । लेकिन अब इस मनणता्य से आर्थिक और सामाजिक रूप से पिछड़े सभी वगषों का सशकतीकरण होगा, समावेशन को बढ़ावा मिलेगा और ्यह वंमचितों की प्रगति के नए मार्ग प्रशसत करेगा ।
केंद् सरकार द्ारा गत 30 अप्रैल को लिए गए मनणता्य की जानकारी देते हुए केंद्रीय सदूचिना एवं प्रसारण मंरिी अ्वनी वै्णव ने बता्या कि आगामी जनगणना में जातिवार गणना शामिल करने का मनणता्य मोदी सरकार की रा्ट्र और समाज के समग् हितों और मदूल्यों के प्रति प्रतिबद्धता दर्शाती है । भारती्य संविधान के अनुचछेद-246 के अनुसार जनगणना संघ का मवर्य है, जो सातवीं अनुसदूचिी के संघ सदूचिी में 69वें स्ान पर उल्लिखित है । हालांकि कुछ राज्यों ने जातिवार गणना के लिए सववेक्ण किए हैं, पर इनमें पारदर्शिता और उद्े््य अलग-अलग रहे हैं ।
उन्होंने कहा कि देश के कुछ राज्यों में जाति गणना के नाम पर कुछ सववेक्ण पदूरी तरह राजनीति के दृन््टगत किए गए हैं, जिससे समाज में दुविधा उतपन् हुई है । इन सभी न्स्मत्यों को ध्यान में रखते हुए तथा सामाजिक ताने-बाने को राजनीतिक दबाव से मुकत रखना सुमनन््चित करने हेतु अलग-अलग सववेक्णों के स्ान पर केंद् सरकार ने मुख्य जनगणना में ही जातिवार जनगणना कराने का मनणता्य मल्या है । केंद् सरकार का ्यह मनणता्य सुमनन््चित करेगा कि समाज आर्थिक और सामाजिक रूप से मजबदूत रहे और देश की प्रगति बिना किसी अवरोध के जारी रहे । उललेखनी्य है कि आर्थिक रूप से कमजोर वगषों के लिए दस प्रतिशत आरक्ण का प्रावधान किए जाने पर समाज के किसी वर्ग में तनाव पैदा नहीं हुआ ।
देश की सवतंरिता के बाद से अब तक की सभी जनगणनाओं में जाति गणना को बाहर रखा ग्या है । 2010 में ततकालीन प्रधानमंरिी सवगमी्य डा. मनमोहन सिंह ने लोकसभा को आ्वसत मक्या था कि जातिवार जनगणना कराने के मुद्े
जे पी नड्ा, राष्ट्ीय अधयषि, भाजपा चंद्रबाबू नायडू, मदुखयमंत्री, आन्ध्र प्रदेश नीतीश कुमार, मदुखयमंत्री, बिहार
पर कैबिनेट में मवचिार मक्या जाएगा । इस मवर्य पर मवचिार-विमर्श के लिए मंमरि्यों का एक समदूह भी बना्या ग्या था । इसके बावजदूद भी पिछली सरकार ने जातिगत जनगणना की बजा्य सामाजिक-आर्थिक और जाति जनगणना सववेक्ण( एसईसीसी) का विकलप चिुना । लेकिन सववेक्ण के आकंड़ों को सार्वजनिक नहीं मक्या था I
केंद् सरकार द्ारा जाति गणना कराए जाने का मनणता्य से कांग्ेस, समाजवादी पाटमी, राष्ट्रीय जनता दल सहित वह सभी विपक्ी दल सकते में आ गए हैं, जो जाति गणना के लिए पिछले कई वरषों से केंद् सरकार पर दबाव बना रहे थे । मोदी सरकार के मनणता्य के बाद अब सभी विपक्ी दल एकजुट होकर जाति गणना का समर्थन करने के लिए बाध्य हो गए हैं ।
देश में सवतंरिता से पहले 1881 से 1931 के बीचि हुई जनगणना में जामत्यों की गणना की गई थी । 1941 की जनगणना में जाती्य आंकड़े तो एकरि किए गए, लेकिन उनको सार्वजनिक नहीं मक्या ग्या । 1951 में सवतंरि भारत की पहली जनगणना के सम्य ततकालीन प्रधानमंरिी जवाहरलाल नेहरू के नेतृतव वाली सरकार ने अनुसदूमचित जामत्यों( एससी) और अनुसदूमचित जनजामत्यों( एसटी) को छोड़कर जाति गणना को बंद करने का मनणता्य मल्या । ्यह मनणता्य जातिगत आधार पर समाज में होने वाले विभाजन एवं राष्ट्रीय एकता में बाधा उतपन् होने की दृन््ट से मल्या ग्या था । 1961 में केंद् सरकार ने राज्यों को जाति आधारित सववेक्ण की अनुमति दे दी थी, जिसका उद्े््य अत््य पिछड़ा वर्ग( ओबीसी) की सदूमचि्यां तै्यार
करने का था । पिछले छह दशक से अधिक सम्य बाद अब केंद् सरकार ने अगली रा्ट्रव्यापी जनगणना में जाति गणना को शामिल मक्या है ।
केंद् सरकार द्ारा जाति गणना कराए जाने के मनणता्य पर भाजपा अध्यक् जे. पी. नड्ा का कहना है कि ्यह मनणता्य उन जामत्यों को मुख्यधारा में लाने के लिए महतवपदूणता कदम है, जो सामाजिक, आर्थिक एवं शैक्मणक रूप से पीछे रह गई हैं । ्यह उन लोगों का सममान लौटाएगा, जो अपने अधिकारों एवं हक़ से वंमचित हैं । जबकि वाणिज्य एवं उद्ोग मंरिी मप्यदूर गो्यल ने कहा कि ्यह मनणता्य न केवल सामाजिक समानता को सुदृढ़ करता है, बल्कि ्यह सरकार की हर वर्ग के अधिकारों के प्रति गहरी प्रतिबद्धता का परिणाम है ।
जाति गणना के मनणता्य की भाजपा के सह्योगी दल भी सराहना कर रहे हैं । जनता दल( ्यदू) के नेता एवं बिहार के मुख्यमंरिी नितीश कुमार ने मनणता्य को सवागत्योग्य बताते हुए कहा कि इससे मवमभन् वगषों के लोगों की संख्या का पता चिलेगा एवं उत्ान और विकास के लिए ्योजनाएं बनाने में सहदूमल्यत होगी । वही आंध्र प्रदेश के मुख्यमंरिी एवं तेलगुदेशम पाटमी के नेता चिंद्बाबदू ना्यडू का कहना है कि जनगणना में जातिवार गणना को शामिल करने का मनणता्य प्रधानमंरिी मोदी की समावेशी शासन के प्रति गहरी प्रतिबद्धता को दर्शाता है । ्यह ऐतिहासिक कदम हमारे देश में हाशिए पर रहने वाले समुदा्यों को सटीक एवं डाटा आधारित नीमत्यों को लागदू करने में सहा्यक होगा । �
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